नई दिल्ली। कोरोना से लड़ाई में केंद्र सरकार राज्यों की हर तरीके से मदद करने में जुटी है। अब सरकार ने राज्यों को राजस्व घाटे के तहत दूसरी बार अनुदान दिया है। इस किस्त में 17 राज्यों को 9,871 करोड़ रुपए जारी किए हैं। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि राजस्व घाटा अनुदान के तहत मई में दूसरी किस्त जारी की गई है। इससे पहले अप्रैल में भी सरकार ने 9,871 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की थी। इस प्रकार सरकार अब तक दो किस्तों में 19,472 करोड़ रुपए की राशि जारी कर चुकी है।
केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी देने के बाद राजस्व खाते के अंतर को पूरा करने के लिए यह अनुदान दिया जाता है। इसकी सिफारिश वित्त आयोग की ओर से की जाती है। संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत यह अनुदान दिया जाता है। 15वें वित्त आयोग ने 17 राज्यों को राजस्व घाटा पूरा करने के लिए अनुदान देने की सिफारिश की थी।
जिन राज्यों को अनुदान की दूसरी किस्त जारी की गई है, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को कुल 1,18,452 करोड़ रुपए के अनुदान की सिफारिश की है। यह राशि कुल 12 मासिक किस्तों में दी जानी है।
इससे पहले 1 मई को वित्त मंत्रालय ने राज्यों को आपदा कोष के तहत केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त के 8,873.6 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि इसकी 50% राशि यानी 4,436.8 करोड़ रुपए की राशि कोविड-19 की रोकथाम में इस्तेमाल की जा सकेगी। यह राशि गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राज्यों को जारी की गई थी।
सामान्य तौर पर आपदा कोष के तहत राशि का आवंटन जून में किया जाता है। लेकिन कोविड संकट को देखते हुए इस बार यह राशि समय से पहले ही जारी कर दी गई है। इस राशि को अस्पतालों, वेंटिलेटर, एयर प्यूरिफायर में ऑक्सीजन उत्पादन और भंडारण संयंत्रों की लागत को पूरा करना, एंबुलेंस सेवाओं को मजबूत करना, कोरोना अस्पताल और कोविड केयर सेंटर पर खर्च किया जा सकता है।