कोटा में नागरिकों ने ऑक्सीजन के स्रोत 5 पेड़ों को कटने से बचाया

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कोटा। रंगबाड़ी रोड़ पर केशवपुरा फ्लाईओवर के पास नगर विकास न्यास की योजना में आ रहे 5 पेड़ों को स्थानीय नागरिकोें ने बचा लिया। एडवोकेट राजेश यादव एवं कांग्रेस पर्यावरण प्रकोष्ठ के पारस वर्मा ने बताया कि सेमवार प्रातः नगर विकास न्यास के मजदूूर सड़क पर एक और खड़े वर्षों पुराने पेड़ों को काटने का प्रयास कर रहे थे। पूर्व में भी न्यास के लोग कई बार असफल प्रयास कर चुके थे।

स्थानीय नागरिकों ने वहां पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधे और न्यास अधिकरियों को पेड़ नहीं काटने के लिए चेतावनी दी गई। न्यास पेड़ काटने की योजना पर पुनर्विचार करे। इस अवसर पर पार्षद योगेश राणा,पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय भी मौके पर पहुंचे और न्यास अधिकारियों से फोन पर बात कर पेड़ों की कटाई को रोकने का अनुरोध किया। कोटा सिटीजन काउंसिल के सचिव केबी नंदवाना ने कहा कि पेड़ों को प्रकृति ने आक्सीजन सिलैण्डर के रूप में मनुष्यों को वरदान दिया है।

नगर विकास न्यास के अधिकारी अपनी पर्यावरण विरोधी सोच के कारण अनावश्यक विकास योजनाओं में पेड़ों को बाधक मानते है। शहर में हजारों पेड़ों को सीमेंट कंकरीट में दबा कर मार दिया गया,यह उचित नहीं है इनके खिलाफ न्यायालयों को खुद प्रसंगज्ञान लेना चाहिए। विजयवर्गीय ने कहा कि न्यास को चाहिए कि विकास कार्यों के नाम पर पेड़ों को अनावश्यक रूप से बर्बाद करने का काम बंद करे। शहर में पिछले दो साल में ही हजारों पेड़ों को समाप्त कर दिया।

पेड़ केवल पेड़ न हो कर ऑक्सीजन के स्त्रोत है। इस बात को कोरोना काल में समझ लेना चाहिए कि ऑक्सीजन का क्या महत्व है। कृत्रिम आॅक्सीजन के लिए अस्पतालों में मारा मारी है और असली आॅक्सीजन स्त्रोतों को धाराशाही करने में सरकार की एजेंसियां हमेशा आगे रहती है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। नंदवाना ने कहा कि सरकार अपने विकास कार्यों में कई चीजों को बचाने के लिए डिजायन में बदलाव कर देती है।

शहर में कई जगह ऐसा देखा गया है। टीचर्स काॅलोनी निवासी इंटेक के को -कन्वीनर बहादुर सिंह हाड़ा ने भी न्यास प्रशासन से शहर में पेड़ों की कटाई रोकने का अनुरोध किया है। हाड़ा ने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और पेड़ों को हर संभव बचाने का प्रयास करना चाहिए। चाहे डिजायन ही क्यों न बदलनी पड़े।