जयपुर। राजस्थान सरकार ने हाल में 2% वैट घटाकर जो राहत दी वो पिछले दिनों रेट बढ़ने से लगभग बराबर हो गई। पेट्रोल -डीजल के भाव पर आ फिर उच्च स्तर पर आ गए। इससे फिलहाल जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही। राजस्थान में पेट्रोल 100 रुपए लीटर के करीब है, जो देश में सबसे ज्यादा है।
कारण स्पष्ट है कि हाल में दो फीसदी कटौती के बाद भी राजस्थान में पेट्रोल पर सर्वाधिक 36% वैट लग रहा है। जबकि सरकार क्रूड से सालाना 3600 करोड़ रु. राजस्व पा रही है। पड़ोसी राज्य गुजरात क्रूड प्रोडक्शन से हमसे करीब आधा 1550 करोड़ राजस्व पाता है। फिर भी पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे कम 20% ही है। स्पष्ट है राजस्थान सरकार हमें भी ऐसी राहत दे सकती है। इसी बीच, शुक्रवार को भी पेट्रोल 37 व डीजल 33 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया।
- तेल की डबल कमाई से राजस्व
- 2019-20 में ही सरकार को पेट्रोल-डीजल पर वैट से
- 10,705.61 करोड़ राजस्व मिला
- सेस से 1397.16 करोड़ राजस्व आया
- क्रूड से… राज्य सरकार औसतन 3600 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व पाती है
- यानी कुल 15,702 करोड़ राजस्व
वैट बढ़ाया 12%, घटाया 2%
सरकार ने पिछले दो साल में पेट्रोल, डीजल की घटी मांग व सस्ते क्रूड से कम हुए राजस्व को पूरा करने के लिए तीन बार में 12% वैट बढ़ाया। लेकिन डिमांड और क्रूड ऑयल के दाम बढ़े तो सिर्फ 2% ही वैट कम किया।
क्रूड में 50% हिस्सेदारी लक्ष्य
प्रदेश में अगले 7 साल में 12 हजार करोड़ का निवेश होगा। लक्ष्य देश के क्रूड उत्पादन में 50 फीसदी हिस्सेदारी का है। अभी मंगला टर्मिनल से उत्पादन 1.65 लाख बैरल प्रतिदिन है।
टोल है तो रोड सेस क्यों?
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बिक्री घटने पर राजस्व के लिए वैट बढ़ाया। अब बिक्री अच्छी है तो वैट कम कर जनता को राहत देनी चाहिए। दूसरी ओर जब टोल दे रहे हैं तो 1.75 रूपये प्रति लीटर रोड सेस का क्या मतलब?
पड़ोसी राज्यों से राजस्थान में पेट्रोल-डीजल 8-11 रुपए तक महंगा
पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने 2% वैट घटाया, इसके बावजूद राजस्थान में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल 8 से 10 रु.और डीजल 4 से 11 रु. तक महंगा है। प्रदेश में ज्यादा सेस भी वसूला जा रहा है।