हैदराबाद। कोरोना के खिलाफ आयुर्वेदिक दवा के प्रभाव का आकलन करने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के कोशिका एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) और केरल के कोट्टक्कल स्थित आर्य वैद्य शाला (एवीएस) के बीच एक करार हुआ है। इसके तहत एवीएस आयुर्वेदिक दवा (फॉर्मूला) उपलब्ध कराएगी और सीसीएमबी उनका प्रयोगशाला में विकसित कोरोना वायरस स्ट्रेन पर परीक्षण करेगा और उनकी एंटी-वायरल प्रभाव की जांच करेगा।
केरल के मालाप्पुरम जिले के कोट्टक्कल स्थित एवीएस 118 साल पुराना चैरिटेबल संस्थान और प्रमुख आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र है। एवीएस ने 500 से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाएं बनाई हैं। जबकि, सीसीएमबी देश का अग्रणी जीव विज्ञान अनुसंधान संस्थान है और उसकी प्रयोगशाला में कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों की जांच और सिक्वेंसिंग की जाती है।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्र ने कहा, ‘अगर यह मूर्त परिणाम देता है, तो परियोजना भारत में दवा उद्योग में एक बड़ी प्रगति का कारण बनेगी। हालांकि, भारत के पास बहुत प्राचीन ज्ञान है, लेकिन इसमें प्राचीन ग्रंथों पर आधारित दवा के प्रभाव का परीक्षण करने के लिए परिभाषित नियामक प्रोटोकाल का अभाव है।’
वहीं, एवीएस में वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. सीटी सुलेमान ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस अध्ययन के निष्कर्षो से मौजूदा स्थिति में उपयोगी चिकित्सीय सहायता मिलेगी। चयनित दवाइयों के रासायनिक मूल्यांकन में शक्तिशाली अणुओं की मौजूदगी दिखाई दी है और उनकी जांच आगे की जाएगी।’