रेलवे चलाएगा 392 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें, जानें किन रूटों पर मिलेगी सुविधा

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    नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान यदि आप त्योहार पूरी सहूलियत के साथ अपने घर पर ही मनाना चाहते हैं तो रेलवे ने इसका पूरा इंतजाम कर दिया है। रेलवे ने फेस्टिव सीजन के दौरान 20 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 392 फेस्टिव स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। ये ट्रेनें खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल जैसे राज्यों के प्रवासियों को ध्यान में रखकर चलाई जाएंगी।

    ये ट्रेनें वाराणसी, पटना, कोलकाता, लखनऊ समेत कई अन्य शहरों को कनेक्ट करेंगी। इनके जरिए लोगों के लिए दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के मौके पर घर पहुंचना आसान होगा। भारतीय रेलवे की ओर से जारी बयान के मुताबिक इन ट्रेनों का किराया भी स्पेशल ट्रेनों की तर्ज पर ही होगा। साफ है कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले इनका किराया 10 से 30 पर्सेंट तक ज्यादा होगा।

    अब तक रेलवे की ओर से 666 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। अब नई फेस्टिवल ट्रेनों की शुरुआत के बाद कुल ट्रेनों की संख्या 1,000 से अधिक हो जाएगी। इसके अलावा मुंबई में कुछ उपनगरीय ट्रेनों का भी संचालन हो रहा है। हालांकि यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि 30 नवंबर तक ही फेस्टिवल ट्रेनों का संचालन होगा और उसके बाद ये ट्रेनें नहीं चलेंगी। रेलवे बोर्ड का कहना है कि ये ट्रेनें 55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाई जाएंगी।

    बता दें कि कोरोना काल में रेलवे ने ट्रेनों का सामान्य संचालन बंद कर रखा है। हालांकि 12 मई से रेलवे ने सीमित संख्या में स्पेशल ट्रेनों के संचालन की शुरुआत की थी ताकि देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोग अपने गंतव्यों तक पहुंच सकें। इसके बाद से ही अलग-अलग रूटों पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है। रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों के संचालन की शुरुआत 15 जोड़ी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों से की थी। इसके बाद रेलवे ने 12 सितंबर से 80 ट्रेनें और चलाना शुरू किया था।

    रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वीके यादव ने इसी महीने की शुरुआत में कहा था कि दैनिक आधार पर लोगों की जरूरतों के हिसाब से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने रेलवे के अलग-अलग जोन्स के जनरल मैनेजर्स से मीटिंग्स की है और उन्हें कहा है कि वे लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से बात करके कोरोना की समीक्षा करें। अधिकारियों की समीक्षा रिपोर्ट के बाद जोनवाइज ट्रेनों के संचालन का फैसला लिया जाएगा।