नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर के लिए कुछ भी अच्छी खबर नहीं आ रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की तीन तिमाही (अप्रैल-दिसंबर) में बैंक फ्रॉड के कुल 8926 मामले दर्ज किए गए हैं। बैंक फ्रॉड की यह रकम 1.17 लाख करोड़ रुपये है। यह खुलासा एक RTI के जरिए हुआ है।
RTI खुलासे के मुताबिक, बैंक फ्रॉड से सबसे ज्यादा नुकसान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को हुआ है। एसबीआई के साथ 30300 करोड़ के फ्रॉड हुए हैं। SBI ने फ्रॉड के कुल 4769 मामले दर्ज कराए हैं। पंजाब नैशनल बैंक के साथ फ्रॉड के 294 मामले हुए हैं और बैंक को 14928.62 करोड़ का चूना लगाया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 250 मामलों में 11166.19 करोड़, इलाहाबाद बैंक ने 860 मामलों में 6781.57 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया ने 161 मामलों में 6626.12 करोड़, यूनियन बैंक ने 292 मामलों में 5604.55 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 151 मामलों में 5556.64 करोड़, ओरिएंटल बैंक ने 282 मामलों में 4899.27 करोड़, कैनरा बैंक ने 1867 मामलों में 31600.76 करोड़ का फ्रॉड बताया है। रिजर्व बैंक ने फ्रॉड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। उसने यह भी नहीं बताया कि इससे बैंकों और उसके कस्टमर को कितना नुकसान हुआ है।