नई दिल्ली। ब्लैक मनी पर गठित एसआईटी की सिफारिशें सरकार ने स्वीकार कीं तो लोग न तो 3 लाख रुपये से ज्यादा का नकद लेन-देन कर पाएंगे और न ही 15 लाख रुपये से ज्यादा कैश पास रख पाएंगे। एसआईटी ने वित्त मंत्रालय को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी के मुताबिक, एसआईटी ने सरकार से कहा है कि ब्लैक मनी और उसके सॉर्स पर लगाम के लिए कैश में मोटी रकम रखने या लेनदेन पर तुरंत पाबंदी लगाई जाए। एसआईटी ने हाल में काला धन के खिलाफ अभियान में जब्त रकम के आधार पर सिफारिशें की हैं।
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी की सिफारिशों को लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने ऐलान किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो देश-विदेश में भारतीयों के काले धन पर लगाम लगाई जाएगी। सरकार ने कई नीतिगत फैसले भी लिए। ब्लैक मनी और बेनामी संपत्ति को लेकर कड़े कानून भी बनाए गए।
इधर, वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों का कहना है कि एसआईटी की सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है। अभी लोकसभा चुनावों में कम ही समय बचा है। ऐसे में इन सिफारिशों पर कितनी जल्दी कोई फैसला लिया जाएगा, इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
अब तक कितनी सफलता
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों का दावा है कि सरकार के प्रयास से 70 देशों से भारतीयों के बड़े वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिली है। 30 हजार से ज्यादा के सबूत भी हैं। ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन के करार के तहत ये जानकारियां साझा हुई हैं। इनकी छानबीन शुरू हो गई है।