विजयश्री रंगमंच पर सदाबहार गीतों से सजी दशहरा मेला की सुरमई सांझ

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कोटा। Kota Dussehra 2024: पूनम का चांद आसमां में खिला तो कोटा की सरजमीं पर उतरे सुरों के सितारों से रौनक हो उठी। सुरों की महफिल भले ही विजयश्री रंगमंच पर सजी थी, लेकिन पूरा राष्ट्रीय दशहरा मेला इसकी सुरों की खुशबू से सराबोर हो उठा था।

राष्ट्रीय दशहरा मेले के 131 साल के सफर में पहली बार ऐसा मौका आया जब कोटा ही नहीं राजस्थान भर के प्रबुद्ध जनों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। पेशे से कोई डॉक्टर था, कोई शिक्षक, कोई सीए, कोई जज तो कोई पुलिस का अफसर लेकिन जैसे ही ताल के साथ सुरों की लय बंधी हर कोई दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गया। मानो किसी नामचीन घराने का उस्ताद साजों के साथ से सुरों की अठखेलियां कर रहा हो।

सुरमई सांझ का आगाज रेजोनेंस के निदेशक डॉ आरके वर्मा की बेहद खनकती आवाज में “राही ओ रही” गीत के साथ हुआ। कोचिंग के किसी नामी शिक्षक को खुले मंच पर सुर साधता देख जो जहां था वो वहीं ठहर गया। डॉ. वर्मा की एकल प्रस्तुति के बाद जब उन्होंने गरिमा गुप्ता के साथ “आदमी मुसाफिर है…” का सुर साधा तो पूरा विजयश्री रंगमंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

अक्सरकर भजन सुनाते हुए दिखने वाले एलन के निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने आर्केस्ट्रा के साथ जैसे ही “नीले गगन के तले धरती का प्यार पले” गाने पर सुर साधे दशहरा मैदान में मौजूद हर चेहरा खिल उठा। उन्होंने जैसे ही “मधुबन खुशबू देता है” सुनाना शुरू किया हर ओर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

इसके बाद जिला जज जयपुर प्रेम शर्मा के “ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना” और “नफरत की दुनिया को छोड़कर” गाते ही महफिल परवान चढ़ गई। गरिमा गुप्ता के सुरों से जैसे “शीशा हो या दिल, टूट जाता है ” गीत के बोल टकराए तो पूरा दशहरा मैदान आह भर उठा। नामचीन चिकित्सक डॉ विजय सरदाना के गाए ” ओ मेरे दिल के चैन” सुना महफिल ही लूट ली।

सीए अजय जैन ने “जाने कहां गए वो दिन जो कहते थे तेरी याद में” पूर्व मेलाध्यक्ष सुनील जैन के महबूबा महबूबा के साथ पूरा मेला मैदान झूम उठा। इसके साथ ही पुलिस अधिकारी अमृत कलश, राजीव मल्होत्रा, राजीव मल्होत्रा, योगेन्द्र शर्मा, डॉ. देवेंद्र यादव, सत्येंद्र वैष्णव आदि ने सुरमई प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम की शुरुआत मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी, उद्यमी गोविंद मित्तल, मेला समिति के सदस्य विजय लक्ष्मी, योगेन्द शर्मा, मेलाधिकारी जवाहर लाल, अतिरिक्त मेला प्रभारी महेश चंद गोयल और प्रेम भाटिया आदि के साथ नगर के पर गणमान्य प्रबुद्ध जन ने दीप प्रज्वलित कर की।