सेंसेक्स 520 अंक गिरकर 60 हजार से नीचे बंद, निफ्टी 17,707 पर

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मुंबई। लगातार नौ कारोबारी दिनों तक तेजी रहने के बाद सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांक भारी बिकवाली के दबाव में टूट गए। मुख्य रूप से आईटी, प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में अधिक बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स 520 अंक नुकसान में रहा।

दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के शेयर भारी बिकवाली की वजह से नौ प्रतिशत से अधिक टूट गए। इसके अलावा एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयरों के भी गिरने से सूचकांकों में गिरावट रही।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 520.25 अंक यानी 0.86 प्रतिशत गिरकर 59,910.75 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय यह 988.53 अंक तक लुढ़क गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मानक सूचकांक निफ्टी भी 121.15 अंक यानी 0.68 प्रतिशत गिरकर 17,706.85 अंक पर आ गया।

टॉप गेनर्स एंड लूजर्स: सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से इंफोसिस में सर्वाधिक नौ प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ उम्मीद से कम रहने से निवेशकों का भरोसा इंफोसिस से कम होता हुआ लगा। इसके अलावा टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी, विप्रो, एचडीएफसी, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ, नेस्ले, पावरग्रिड, भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट लाभ की स्थिति में रहीं। शेयर बाजारों के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 221.85 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की थी।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि तिमाही नतीजों की शुरुआत उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने और वैश्विक स्तर पर अमेरिकी दस वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से घरेलू बाजार प्रभावित रहे। आने वाले दिनों में भी आईटी एवं बैंकों के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।

विदेशी बाज़ारों का हाल: एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट एवं हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार भी दोपहर के सत्र में सकारात्मक दिशा में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार पिछले कारोबारी दिवस पर शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत घटकर 86.04 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।