राजस्थान में गहलोत सरकार ने कोचिंग संस्थानों पर कसी नकेल, गाइडलाइंस जारी

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जयपुर। राजस्थान में कोचिंग संस्थानों पर गहलोत सरकार ने नकेल कसी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने गाइडलाइंस जारी की है। जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, जिला स्तर पर कोचिंग निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें पुलिस-प्रशासन के साथ अभिभावकों और डॉक्टर को भी शामिल किया जाएगा। वहीं स्टूडेंट्स की शिकायत के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा। जिसकी निगरानी सीएम के स्तर पर होगी।

दरअसल कोटा में आए दिन हो रहे सुसाइड के मद्देनजर सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी सरकार ने गाइडलाइंस जारी की थी, लेकिन कोचिंग संस्थान अपनी मनमानी करते रहे हैं। शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के चलते स्टूडेंट्स काफी परेशान है।

पिछले कुछ वक्त में काफी स्टूडेंट्स ने आत्महत्या भी कर ली है। इसलिए स्टूडेंट्स की समस्या को दूर करने के लिए कोचिंग गाइडलाइन तैयार की गई है। जिसमें स्टूडेंट्स की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के साथ उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम किया गया है।

तनाव रोकने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन: शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार कोचिंग संस्थान और अभिभावकों के पास स्टूडेंट्स के आवास का पता और मोबाइल नंबर होना जरूरी होगा। हॉस्टल और पीजी सुविधाओं के आसपास पुलिस गश्त होगी जरूरी होगी। पुलिस थाने में छात्र छात्राओं के लिए अलग से हेल्प डेस्क जरूरी होगी।

नए कोचिंग सेंटर खोलने से पहले देखना जरूरी होगा कि आसपास कोई शराब या मादक पदार्थ की ब्रिकी नहीं होती हो। कोचिंग संस्थान में आने वाले स्टूडेंट्स और दूसरे लोगों के लिए एक मूवमेंट रजिस्टर या फिर इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की जाएगी।

कोचिंग संस्थानों में जागरुकता सप्ताह : स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग संस्थानों में जागरुकता सप्ताह आयोजित किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी अनुभवी मनोविशेषज्ञों कीमदद लेगी।तनाव रोकने के लिए कार्यशालाओं का होगा आयोजन। जिला प्रशासन को कोचिंग संस्थानों से मासिक कार्यक्रम तैयार करवा कर उनके आयोजन की ज़िम्मेदारी होगी।

यूनिफॉर्म फॉर्मेट लागू किया जाएगा: पुलिस थाने का सम्पर्क नंबर और हेल्पलाइन नंबर स्टूडेंट्स को देने होंगे।पीजी और हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक यूनिफॉर्म फॉर्मेट लागू किया जाएगा। जिसमें उनकी पूरी डिटेल, अभिभावकों के सम्पर्क की सूचना, मासिक किराया, रिफंड नीति, दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी और कोचिंग संस्थान के नियमों की जानकारी दी जाएगी।

पुलिस वेरिफिकेशन करना जरुरी: कोचिंग संस्थान, हॉस्टल में कार्यरत पूरे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करना जरुरी होगा।स्टूडेंट्स के कोचिंग आने जाने के समय की कारण सहित एंट्री रजिस्टर में करवानी होगी।

फेक विज्ञापन पर रोक: कोचिंग संस्थानों द्वारा झूठे और फर्जी (फेक) विज्ञापन दिखाकर छात्रों को बेवकूफ बनाने पर उनके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।

आने वाले व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड: हॉस्टल और कोचिंग में बाहर से आने वाले व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड व्यक्तिगत पहचान, मोबाइल नंबर, आने का कारण आदि रजिस्टर में मेंटेन करना होगा।शाम को कोचिंग आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए वहां रोशनी होना जरुरी होगा।

कोचिंग, हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे: कोचिंग, हॉस्टल में सुरक्षा गार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।शिकायत मिलने पर हॉस्टल, मैस, टिफिन सेवा देने वालों की जांच चिकित्सा और रसद विभाग के संयुक्त दल से करवाई जाएगी।

प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था: कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की मदद के लिए रेफरल सेवाएं जैसे अस्पताल, डॉक्टर्स आदि की सूची लगाना जरूरी होगा। कोचिंग संस्थान में भी प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो। कोचिंग, हॉस्टल संचालकों को किसी स्टूडेंट्स के अस्वस्थ होने पर उनके अभिभावकों के आने तक उनके केयर टेकर के रूप में काम करना होगा। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,स्वयंसेवी संगठनों के वॉलेटियर्स, एनसीसी, एनएसएस के वॉलंटियर्स और रिटायर्ड राजकीय कार्मिकों का सहयोग लिया जाएगा। कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स की क्लीनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए।

वैलनेस सेंटर : कोचिंग संस्थान में स्टूडेंट्स के लिए मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन केंद्र को वैलनेस सेंटर के रूप में संचालित किया जाए।अगर स्टूडेंट्स बिना सूचना दिए तीन दिन अनुपस्थित रहे। तो उसके अभिभावकों से सम्पर्क कर अनुपस्थित रहने का कारण कोचिंग संस्थानों को पता करना होगा।

स्टूडेंट्स अनुपस्थित हो तो पेरेंट्स को सूचना: ऑनलाइन क्लास में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेंटर स्थापित करना होगा। जिसमें इंटरनेट और कम्प्यूटर सुविधा हो। यदि कोई स्टूडेंट कोई लेक्चर अटैंड नहीं कर पाया है। तो ई-लेक्चर की मदद ले सके।

कोचिंग छो़ड़ने पर फीस भी लौटानी होगी: एक बार कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद अगर कोई स्टूडेंट वहां से निकलना चाहे। तो उसे शेष अवधि की जमा फीस 10 दिन में लौटानी होगी। यदि वह कोचिंग के हॉस्टल में रह रहा है तो मैस फीस भी लौटानी होगी।

करिअर ऑप्शन बताना होगा: कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को आईआईटी और मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में सफल ना होने की स्थिति में दूसरे करिअर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा। कोचिंग संस्थान को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि स्टूडेंट्स और उनके परिजनों की शिकायत का तत्काल हल हो सके।

रिजल्ट प्रकाशन पर रोक: कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकेंगे।स्टूडेंट्स के साथ उनके अभिभावकों का भी ओरिएंटेशन करवाना होगा।