विशेषज्ञ शिविर में देंगे परामर्श, करेंगे बीमारियों का निदान
कोटा। हाड़ौती गौसेवा संस्थान, प्रज्ञा गौशाला एवं अवेदना सेवा हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को श्री राधाकृष्ण परमार्थ चिकित्सालय तलवंडी पर प्रातः 11 बजे से आयुर्वेदीय पंचगव्य चिकित्सा शिविर एवं संगोष्ठी आयोजित किए जाएंगे।
अध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल ने शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि संगोष्ठी में सूरत से नाड़ी विशेषज्ञ डॉ. एनआर गोस्वामी, पतंजलि योग पीठ के पूर्व चिकित्सक डॉ. तेजेश गोयल, डॉ. पल्लवी शर्मा एवं डॉ. महेंद्र गर्ग उपस्थित रहेंगे। प्रवक्ता जितेंद्र गोयल ने बताया कि संगोष्ठी में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ आयुर्वेद एवं पंचगव्य पर हो रहे नवीन प्रयोगों के बारे में जानकारी देंगे।
कोषाध्यक्ष रवि अग्रवाल ने बताया कि संगोष्ठी में महामंडलेश्वर हेमा सरस्वती महाराज का पावन सान्निध्य प्राप्त होगा। वहीं रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर मुख्य अतिथि होंगे। अध्यक्षता एलन करियर इंस्टीट्युट के गोविंद माहेश्वरी करेंगे। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी गोविंदनारायण अग्रवाल होंगे।
उन्होंने बताया कि इस दौरान चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें वायरस जनित रोग, कैंसर, लीवर, चर्मरोग, अस्थमा संबंधी रोगों की जांच, परामर्श एवं निदान किया जाएगा। इस अवसर पर भारत विकास परिषद सुभाष शाखा, श्री राधाकृष्ण समिति तलवंडी, श्री जीणमाता परिवार संस्था, गीता परिवार, कबीर पारख संस्था, सांराबाई बंशीलाल चैरिटेबल ट्रस्ट का भी सहयोग रहेगा।
वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए शोधपत्र: माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पल्लवी शर्मा ने बताया कि गौमूत्र पर कोटा विश्वविद्यालय में शोध चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका में शोधपत्र भी प्रकाशित हुआ है। संस्था द्वारा विभिन्न गौशालाओं में सुगंधित गोमूत्र बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शोध के लिए संसाधनों की कमी है। प्रदेश एवं केंद्र सरकार शोध के लिए बजट दे तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आ सकते हैं। अभी गाय की नस्ल के अनुसार रासायनिक अवयवों की उपस्थिति पर गहन शोध की आवश्यकता है।
गौमूत्र में मिलते हैं औषधीय घटक: डॉ. तेजेश गोयल ने बताया कि गौमूत्र में खनिज लवण, विटामिन, एंजाइम, हार्मोन, स्वर्ण, रजत अंशअंश समेत विभिन्न औषधीय घटक पाए जाते हैं। गौमूत्र के सेवन से कईं गंभीर बीमारियों का निदान संभव है। संगोष्ठी में उन मरीजों के बारे में बताया जाएगा जिनका इलाज गौमूत्र से किया जा रहा है।