नई दिल्ली। देश में खाने के तेल (Edible Oil) के दाम पहले से ही आसमान पर हैं और अब 29 अप्रैल से इंडोनेशिया पाम ऑयल (Palm Oil) का निर्यात बंद कर रहा है। इस फैसले से भारत में खाने के तेल और महंगे होंगे।
ऐसा इसलिए क्योंकि कई तेलों में तो पाम ऑयल मिलाया भी जाता है, क्योंकि इसमें कोई महक नहीं होती है। इसका इस्तेमाल सीधे भी खाना पकाने या तमाम तरह की चीजें बनाने में भी होता है। यह बेहद सस्ता तेल है, ऐसे में इसकी मांग दुनिया भर में रहती है। इंडोनेशिया अभी महंगाई (Inflation in indonesia) की मार झेल रहा है, जिसके चलते वहां लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं। ऐसे में घरेलू कमी को कम करने और आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खाद्य तेल और उसके कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की गई है।
कहां-कहां होता है पाम ऑयल?
मलेशिया के कुल निर्यात का 4.5 फीसदी हिस्सा केवल पाम ऑयल है, जिससे होने वाली आय का उसकी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। पाम ऑयल के मामले में इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जबकि उसके बाद मलेशिया का नंबर आता है। इसके अलावा कुछ अफ्रीकी देश पाम ऑयल निर्यात करते हैं। लेटिन अमेरिका और एशिया से भी कुछ हद तक पाम ऑयल निर्यात किया जाता है।
किस-किस काम आता है पाम ऑयल?
पाम ऑयल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल को खाने के तेल की तरह ही होता है। इसके अलावा इसे खाने के कई तेलों में मिलाया भी जाता है, जैसे सरसों के तेल में कुछ कंपनियां इसे मिलाती हैं। पाम ऑयल का इस्तेमाल शैम्पू, नहाने के साबुन, टूथपेस्ट, विटामिन की गोलियां, मेक-अप आइटम, चॉकलेट आदि में भी होता है। यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां पाम ऑयल की एक बड़ी ग्राहक हैं। इतना ही नहीं, पेट्रोल-डीजल में जहां कहीं जैविक ईंधन या बायो-फ्यूल मिलाया जाता है, वह दरअसल पाम ऑयल ही होता है। यानी गाड़ियों के चलने में भी पाम ऑयल का अहम रोल है। पाम ऑयल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है। दुनिया भर के करीब 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है।
निर्यात बैन का असर इन प्रोडक्ट्स पर
- यूनीलीवर ने 2016 में बताया था कि वह 10 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है। उसने कहा था कि वह कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री का सबसे बड़ा यूजर है। यानी उसके प्रोडक्ट्स में पाम ऑयल का खूब इस्तेमाल होता है। मतलब पाम ऑयल निर्यात बंद होने से यूनीलीवर पर तगड़ा असर होगा और कंपनी के प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।
- 2020 में किटकैट चॉकलेट बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने करीब 4.53 लाख टन पाम ऑयल खरीदा था। इसमें से अधिकतर पाम ऑयल इंडोनेशिया से आया, जबकि कुछ मलेशिया से खरीदा गया। कंपनी लेटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों से भी पाम ऑयल खरीदती है।
- प्रॉक्टर एंड गैंबल ने 2020-21 में करीब 6.05 लाख टन पाम ऑयल खरीदा। इसका इस्तेमाल कंपनी के फैब्रिक, होम केयर कैटेगरी और कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है।
- ओरियो बिस्कुट बनाने वाली कंपनी मॉन्डलेज इंटरनेशल भी भारी मात्रा में पाम ऑयल खरीदती है।
- DANONE कंपनी ने 2018 में 71 हजार टन पाम ऑयल खरीदा था।
- लॉरियल कंपनी ने 2021 में 310 टन पाम ऑयल खरीदा, जिसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है।
इंडोनेशिया से पाम ऑयल का आयात
खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा सिर्फ पाम ऑयल है। अभी भारत करीब 90 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है। इसमें से 70 फीसदी पाम ऑयल का आयात तो इंडोनेशिया से ही होता है, जबकि बाकी का 30 फीसदी पाम ऑयल मलेशिया से आता है। इंडोनेशिया से पाम ऑयल का निर्यात बंद होने के बाद पाम ऑयल के लिए भारत की मलेशिया पर निर्भरता बढ़ जाएगी।