हमें समस्याओं से हार मानने के बजाय बच्चों को संघर्ष करना सिखाना होगा

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अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवस पर सेमिनार

कोटा। International Suicide Prevention Day: रोटरी क्लब कोटा राउंडटाउन तथा होप सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवस पर रविवार को बूंदी रोड स्थित होटल मेनाल रेजीडेंसी में सेमीनार आयोजित किया गया। जिसमें “जीवन बहुमूल्य है, इसे सुरक्षित रखें..” विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ. निर्मल कुनावत ने कहा कि जीवन से हार मानने वाले लोग ही सुसाइड करते हैं। इसलिए हमें बच्चों को लड़ाई जीतना सीखना होगा। जीवन परिवर्तनशील है। कुछ कठिनाइयों के आगे घुटने नहीं टेकना चाहिए। जीवन संघर्ष के लिए बना है।

उन्होंने कहा कि सुख-दुख जीवन के साथ हैं, लेकिन दुख के कारण ही सुख का महत्व है। दुख अपेक्षाओं के कारण होता है। भिक्षा करने वाला व्यक्ति कभी भी सुसाइड नहीं करता, क्योंकि उसे जीवन से बहुत अधिक अपेक्षाएं नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों योनियों में भटकने के बाद मनुष्य जीवन मिलता है। ऊर्जा हम सब में है, इसे प्रज्वलित करने की जरूरत है।

कनाडा से प्रोफेसर अमरेश श्रीवास्तव वर्चुअल जुड़े। उन्होंने कहा कि कोटा या कोई दूसरा शहर हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सुसाइड का मामला सामाजिक दबाव का है। सामाजिक और मानसिक दबाव के कारण यह विकृति पनपी है। इसे केवल वाद विवाद के रूप में नहीं देखा जा सकता है।

वरिष्ठ मनोचिकित्सक तथा होप सोसायटी के प्रेसीडेंट डॉ. एमएल अग्रवाल ने कहा कि केवल बीमार ना होना ही अच्छा स्वास्थ्य नहीं है। बल्कि व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। सुसाइड क्षणिक आवेश, उत्तेजना, रिश्तों में तनाव जैसे भावनात्मक, वंशानुगत तथा सामाजिक कारणों से होते हैं।

उन्होंने प्रशासन को सुझाव देते हुए कहा कि आईआईटी की अपेक्षा नीट के स्टूडेंट में सुसाइड करने की दर अधिक पाई गई है। नीट वर्ष में दो बार होनी चाहिए। वहीं स्कूलों में चल रहे डमी सिस्टम के बजाय कोचिंग सिटीज में स्कूल की सीट्स बढ़ाई जानी चाहिए।

एम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉ. निमेश देसाई ने कहा कि कोटा संपूर्ण भारतवर्ष का आईना है। संपूर्ण भारत के समाज को बदले बिना केवल कोटा को भी नहीं बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के लिए दो अलग- अलग कारक जिम्मेदार हैं। जिसके लिए मानसिक बीमारियों के अलावा सामाजिक, राजनीतिक समस्याएं भी हैं। अरुणा अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। रामगोपाल अग्रवाल ने कार्यक्रम की भूमिका रखी। वहीं विमल चंद जैन ने आभार जताया। केवीएस हाडा ने मंच संचालन किया।

सेमिनार में सामाजिक न्याय विभाग के अजीत शर्मा, पीडीजी प्रद्युमन पाटनी, डीजीई राखी गुप्ता, डीजीएन प्रज्ञा मेहता, होप सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. अविनाश बंसल, सेमीनार चेयरमैन स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुणा अग्रवाल, क्लब अध्यक्ष डॉ. रोशनी मिश्रा, सेक्रेटरी सेमीनार रामगोपाल अग्रवाल, क्लब सेक्रेटरी विमल चंद जैन, क्लब कोषाध्यक्ष सुरेश काबरा, व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, डॉ. आकाश परिहार, प्रदीप सिंह गौर, नवीन मित्तल, डॉ. मिनी शर्मा, जसपाल सिंह, अनिल अग्रवाल, आशा कुनावत, उर्मिल बख्शी, स्नेहलता चड्ढा, मीडिया समन्वयक सुधींद्र गौड़ समेत कईं लोग मौजूद रहे।