सूदखोरों के विरूद्ध कार्यवाही करके अपने आपको सुरक्षित कीजिए

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सूदखोरों से डरने की जरूरत नहीं है इनके विरूद्ध कार्यवाही करके अपने आपको समय पर सुरक्षित करिए। अन्यथा यह आपकी सुख शान्ति छीन लेगें।

विवेक नन्दवाना एडवोकेट-
कोटा।
वर्तमान समय में नई उम्र के बच्चों के मन में जल्दी से जल्दी से ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने का लालच जन्म ले चुका है। इस लालच के कारण ऐसे बच्चे अपने माता-पिता की जानकारी में लाए बगैर कुछ असामजिक व्यक्तियों के सम्पर्क में आ रहे हैं। जो अपने ही पास से ऐसे बच्चों के बैंक खाता आदि में रकम ट्रांसफर करते हैं और उनसे फिर ऐसी रकम को ऑनलाइन किक्रेट के सट्टा आदि में लगवाते हैं।

दुनियादारी के अनुभव से कोसों दूर बच्चे एक के बाद एक नुकसान उठाते जाते हैं और ऐसे नुकसान की भरपाई के लिए यही असामाजिक तत्व अपने ही अन्य मित्रों के नाम से रकम दिलवाते हैं, बदले में चैक आदि ले लेते है। कई बार तो यहां तक देखने में आया है कि बच्चे ऐसे असामाजिक तत्वों के भय से अपने ही माता-पिता आदि के चैक चुरा कर स्वयं ही हस्ताक्षर करके दे देते हैं। जिससे भविष्य में माता-पिता को भी परेशानी हो सकती है। खैर बच्चे हैं समय रहते उनका ध्यान नहीं रखा, उन पर विश्चास किया। इसलिए ऐसी स्थिति आई! परन्तु इससे भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं।

यदि कोई भी व्यक्ति आपको या आपके बच्चे के साथ ऐसी हरकत कर चुका है तो आपको सबसे पहले स्थानीय पुलिस थाना से लेकर शहर के पुलिस अधीक्षक तक लिखित में रजिस्टर्ड डाक से विस्तार से समस्त तथ्यों की जानकारी देते हुए परिवाद प्रेषित करना चाहिए। यदि ऐसे व्यक्ति आपको घर पर, दुकान पर डराने धमकाने आ रहे हैं, तो फिर आपको ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यपालक मजिस्टेट के समक्ष शान्ति भंग होने की सम्भावना एवं जान माल की सुरक्षा को खतरा बताते हुए कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे ऐसी दादागिरी करने वाले व्यक्तियों को समय पर ही पाबंद किया जा सके।

ऐसे असामाजिक तत्व स्थानीय पुलिस थाना में छोटे स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं। इसलिए परिवाद की एक प्रति लिखित में पुलिस अधीक्षक स्तर तक देना चाहिए और यदि प्रभावी कार्यवाही समय पर नहीं हो रही है तो फिर सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर कार्यवाही करवा सकते है। लेकिन डरना बिल्कुल भी नहीं है। असामाजिक तत्वों से जितना डरोगे उतना ही यह आपको डराएगें।