सरकार जल्द ही बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाएगी

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1,200 डॉलर से घटाकर 950 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर सकती है

नई दिल्ली। केंद्र सरकार बासमती चावल के निर्यात (Basmati Rice Export) के लिए निर्धारित फ्लोर प्राइस या न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) में कटौती कर सकती है। किसानों और निर्यातकों की व्यापार को नुकसान पहुंचने की शिकायतों के बाद केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से यह कदम उठाया जा सकता है।

सूत्रों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि सरकार बासमती चावल के लिए फ्लोर प्राइस या न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर सकती है।

बता दें कि सरकार ने प्रमुख राज्यों में चुनाव से पहले स्थानीय स्तर खाद्य की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए अगस्त में बासमती चावल के शिपमेंट का फ्लोर प्राइस 1,200 डॉलर प्रति टन कर दिया था।

नई सीज़न की फसल के आगमन के साथ MEP में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने 14 अक्टूबर को कहा कि वह अगली सूचना तक इसे बनाए रखेगी। हालांकि, सरकार के इस कदम से नाराज किसानों और निर्यातकों ने कहा कि नई फसल के कारण घरेलू कीमतों में गिरावट आई है।

किसानों और निर्यातकों के शिकायत के बाद अधिकारियों ने बाद में कहा कि वे सक्रिय रूप से एमईपी की समीक्षा कर रहे है और इस दिशा में जल्द एक फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान बासमती चावल के एकमात्र उत्पादक हैं। भारत ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को 40 लाख मीट्रिक टन से अधिक बासमती चावल का निर्यात करता है।

बासमती चावल अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध लंबे अनाज वाली चावल की प्रीमियम किस्म है। दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत ने गैर-बासमती चावल किस्मों के निर्यात पर भी अंकुश लगा रखा है।

एमईपी ने व्यापार को इतनी बुरी तरह प्रभावित किया कि निर्यातकों ने किसानों से चावल खरीदना बंद कर दिया था। सरकार अगर फ्लोर प्राइस घटाने का फैसला लेती है तो, इससे बासमती चावल का व्यापार फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी।