सनातन संस्कृति का गवाह बना किशोर सागर का तट, नववर्ष के स्वागत में जुटे लोग

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दीपदान, आतिशबाजी से जगमग हुई संध्या, महाआरती कर किया नूतन वर्षाभिनंदन

कोटा। किशोर सागर तालाब की पाल मंगलवार को चिरंतन, पुरातन सनातन संस्कृति की गवाह बनी। सामाजिक संस्कृति से ओतप्रोत सनातनियों का ऐसा मेला लगा कि बारहदरी पर पैर रखने की भी जगह नहीं बची। नववर्ष उत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में नवसंवत्सर 2080 और युगाब्द 5125 के स्वागत में शहर भर में दो दिवसीय विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।

एक के बाद कार्यक्रमो की ऐसी श्रृंखला चली कि हर कोई ठहर सा गया। सुबह से कबड्डी प्रतियोगिता का आगाज हुआ तो दिन से दीप सजाने के लिए सामाजिक संस्थाएं जुट गई थीं। महिला पुरुष रंगोली सजाकर हिंदू नववर्ष की स्वागत में पलक पांवड़े बिछाते नजर आए।

हरिहर बाबा की पारम्परिक लोक नृत्य की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। बरखा जोशी के द्वारा शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दी गई। नमो नमो… और श्रीराम स्तुति पर नृत्य की प्रस्तुतियों ने ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में राष्ट्रवाद उमड़ता रहा।

तलाव की पाल पर विभिन्न समाजों ने स्वादिष्ट व्यंजनों की स्टाल लगाई थी। जहां ऊंच, नीच, जाति, पंथ का भेद भुलाकर हर कोई आनंद उठाता नजर आ रहा था। बिक्री के लिए लगी स्टाल पर भी लोगो की भीड़ रही।

मटकी फोड प्रतियोगिता में युवकों ने साहस का परिचय दिया। वहीं मंगलेश्वर व्यायाम शाला के खिलाड़ी मलखंभ पर पारंपरिक कला का प्रर्दशन करने लगे तो हर किसी ने दांतों तले अंगुली दबा ली। मेले में सेल्फी प्वाइंट, झूले और ऊंटगाड़ी समेत मनोरंजन के सभी साधन उपलब्ध थे। सनातन संस्कृति को प्रकट करते भव्य यज्ञ वेदी में आहुतियां भी दी गई।

एक लाख दीपक से रोशन हुई शाम
शाम को एक लाख से अधिक दीपक प्रज्ज्वलित कर नववर्ष की पूर्व संध्या को आलोकित किया गया। विभिन्न संस्थाओं ने पाल पर सजाए दीपक को जब आलोकित किया तो पूरा तट रोशनी से सराबोर हो गया। साधु संन्तों ने भारत माता की आरती की तो सनातनियों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर साथ दिया। इस दौरान भारत माता के जयकारों से आसमान गूंज उठा। भव्य आतिशबाजी कर नवसम्वत का अभिनन्दन किया गया।

कल सजेंगे शहर के चौराहे
प्रचार प्रसार समिति के संयोजक आशीष मेहता ने बताया कि नववर्ष पर बुधवार को शहर भर में प्रत्येक घर में पत्रक भेजकर नववर्ष की शुभकामना दी जाएगी। शहर के 51 चौराहों को सजाया जाएगा और राहगीरों को नीम और मिश्री का प्रसाद वितरित किया जाएगा। शहर में सवा लाख घरों और और 500 मंदिरों पर पताकाएं बदली जाएंगी। इस दिन शहर भर के प्रमुख मंदिरों पर भव्य महाआरती का आयोजन होगा।