शीघ्र व नियमित इलाज से ठीक हो सकता है स्किज़ोफ्रेनिया का मरीज

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कोटा। अग्रवाल न्यूरो साईकेट्रिक सेन्टर कोटा के तत्वावधान में विश्व मंगलवार को स्किज़ोफ्रेनिया दिवस (schizophrenia disease day) का आयोजन जवाहर नगर स्थित अस्पताल के सभागार में IMA के स्टेट अध्यक्ष डाॅ. अशोक शारदा के मुख्य आतिथ्य, विशिष्ठ अतिथि डाॅ. अविनाश बंसल तथा डाॅ. एम.एल. अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

ANPC के निदेशक, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डाॅ. एम.एल. अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि स्किज़ोफ्रेनिया (schizophrenia disease)भी दूसरी बीमारियों जैसे डायबिटिज, हृदय रोग, दमा आदि की तरह ही है। इसका पूर्ण इलाज संभव है। इस बीमारी से देश में एक करोड़ चालीस लाख से अधिक लोग ग्रसित है। यह रोग समान रुप से सभी जाति, धर्म, संस्कृति के पुरुष एवं महिलाओं में हो सकता है। यह रोग अनुवांशिक कारणो से भी हो सकता है।

इस रोग में डर लगना, खालीपन महसूस होना, खुदकुशी का विचार करना, कानो में अजीब आवाजें आना, शक बहम होना, बिना कारण का बहम जिससे अनेक बार पति-पत्नि के संबंधोे में तनाव पैदा हो जाता है, जो कि तलाक की स्थिति तक पंहुच जाता है। इस बीमारी का इलाज दवा, ईसीटी, आरटीएमएस इजेक्शन तथा पुनर्वास विधि से संभव है। इसमें थोडे़ से इलाज और बहुत ज्यादा मरीज की देखभाल करनी होती है।

उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग इस रोग को गंभीर बना लेते हैं। अतः आमजन की जानकारी के लिए समय-समय पर अग्रवाल न्यूरो साईकेट्रिक सेन्टर के निदेशन में जनहित कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें। शुरुआत में ही इस रोग को चिन्हित किया जा सके।

प्रेस समन्वयक सुधीन्द्र गौड़ ने बताया कि IMA के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अशोक शारदा ने स्किज़ोफ्रेनिया के बारे में कहा कि इस बीमारी के लिए झाड-फूंक, अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिये तथा नियमित इलाज कराना चाहिये।

डाॅ. अविनाश बंसल ने कहा कि स्किज़ोफ्रेनिया रोग है, जिसे जल्दी पहचान कर उचित उपचार से ठीक किया जा सकता है। यह रोग 15 से 25 वर्ष की आयु में प्रारम्भ हो जाता है। इस अवसर पर अस्पताल की मुख्य प्रबंधक अधिकारी शालिनी अग्रवाल ने प्रश्नोत्तरी आयोजित की एवं विजेताओं मुकेश जांगीड, हरि शंकर, जगदीश, अर्पणा शर्मा, राजेश गोचर, इन्द्रजीत सिंह को पुरस्कृत किया।।