वन कर्मचारियों की कल से उग्र आंदोलन की चेतावनी, अनिश्चितकालीन धरना जारी

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अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का गेट अनिश्चितकाल के लिए बंद करेंगे वनकर्मी

कोटा। संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में वन विभाग के कार्मिकों का अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिन से चल रहा कार्य बहिष्कार और धरना बुधवार को भी जारी रहा। अब वनकर्मियों की मांगें नहीं मांगे जाने पर कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व समेत सभी पर्यटन स्थल अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की गई है।

राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ कोटा के जिलाध्यक्ष रामस्वरूप गोचर ने कहा कि वन कर्मचारी अपनी नीतिगत मांगों को लेकर तीन दिन से शांतिपूर्वक आंदोलन पर हैं। इसके बावजूद सरकार वन कर्मचारियों को नजरअंदाज कर रही है। ऐसे में अब गुरुवार से उग्र आंदोलन किया जाएगा।

आंदोलन के दौरान अभेड़ा समेत सभी पर्यटन स्थलों के गेट बंद करके धरना दिया जाएगा। इस दौरान वन्यजीवों और वनसंपदा की देखभाल का जिम्मा भी वनकर्मी नहीं संभालेंगे। इसके बाद कोटा संभाग के टाइगर रिजर्व और अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से लेकर सभी वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की और संपदा की सुरक्षा को लेकर आशंका पैदा हो गई है।

ये हैं 15 सूत्रीय मांगपत्र
वनकर्मी सुनीता वर्मा ने बताया कि वन कर्मियों को पुलिस व पटवारियों के समकक्ष वेतन दिलाने, कार्यभारित कर्मचारियों को वनरक्षक के पद पर समायोजित करने, मैस भत्ता राशि 2200 रुपए, वर्दी भत्ता 7000 हजार वार्षिक, वाहन चालकों को पदोन्नति, साइकिल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता 2000 रुपए प्रतिमाह, अपराधों की रोकथाम के लिए हथियार व अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाने, हार्ड ड्यूटी अलाउंस सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।

संभाग भर में 500 से अधिक कार्मिक हड़ताल पर
संभाग अध्यक्ष जुबेर खान ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर संभाग के वन क्षेत्र में लगे 500 से अधिक कार्मिक तीन दिन से हड़ताल पर हैं। कर्मचारी अलग- अलग रेंज और डिवीजन ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन वन कार्मिकों में वनरक्षक, सहायक वनपाल, वनपाल क्षेत्रीय वन अधिकारी, वर्ग 4 के कर्मचारी और वाहन चालक शामिल हैं। जिससे संभाग में आने वाले कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, शेरगढ़ अभयारण्य, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, सोसरन वन क्षेत्र, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क समेत वन संपदा की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।