लॉकडाउन में भी यूपी-बिहार में नहीं होगी गेहूं की कमी : पासवान

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश और बिहार में गेहूं (Wheat) की कमी नहीं होगी। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने दोनों राज्यों को 55545 टन अतिरिक्त गेहूं आवंटित किया है। यह गेहूं पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) के जरिये बेचे जाने वाले गेहूं के अतिरिक्त हैं।

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के मद्देनजर जो भी राज्य जितना गेहूं और चावल की मांग कर रहा है, उन्हें रिजर्व प्राइस पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में 31 मार्च 2020 तक यूपी को 35675 टन जबकि बिहार को 22870 टन गेहूं आवंटित किया गया है।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश को 11500 टन, हरियाणाा को 4190 टन, पंजाब को 2975 टन, गोवा को 1100 टन, उत्तराखंड को 375 टन और राजस्थान को 342 टन गेहूं आवंटित किया गया है। यह सामान्य रूप से राज्यों के लिए होने वाले ई आक्शन के अतिरिक्त है। इस अतिरिक्त गेहूं का उपयोग आटा मिलों और गेहूं से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां करेंगी

रिजर्व प्राइस में हुई है कटौती
गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो गई है। इस वजह से FCI पुराने स्टॉक को क्लियर करना चाहता है। उसके पास अनाज का मौजूदा बफर स्टॉक सामान्य से ढाई गुना है। अब नई फसल की खरीद शुरू होगी, इसलिए निगम को 35 मिलियन टन स्टोरेज स्पेस की जरूरत पड़ेगी। एफसीआई के पास कुल भंडारण क्षमता 76 मिलियन टन की है जबकि इस समय उसके पास 72.82 मिलियन टन धान, चावल और गेहूं का ही स्टॉक है। इसलिए ओपन मार्केट आपरेशन स्कीम के तहत मिलने वाले चावल और गेहूं का रिजर्व प्राइस घटा दिया गया है।