लगातार 8वीं बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं, जानिए आप पर असर

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नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने आज केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीतियों की घोषणा कर दी। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 4 फीसदी पर यथावत रखा गया है। केंद्रीय बैंक ने लगातार 8वीं बार नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया है।

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई की एमपीसी के बैठक 6 अक्टूबर को शुरू हुई थी। अभी रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। आरबीआई ने आखिरी बार पिछले साल मई 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया था। तब रेपो रेट में 40 बीपीएस (0.40 फीसदी) की कटौती की थी जिसके बाद रेपो रेट घटकर 4 फीसदी रह गया।

क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है। बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ होता है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। जबकि रिवर्स रेपो रेट, रेपो रेट से ठीक विपरीत होता है। रिवर्स रेट वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI से ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजारों में लिक्विडिटी यानी नकदी को ​नियंत्रित किया जाता है। यानी रेपो रेट स्थिर होने का मतलब है कि बैंकों से मिलने वाले लोन की दरें भी स्थिर रहेंगी।