रेलवे ने 6.37 लाख नहीं लौटाए, कुर्की करने डीआरएम ऑफिस पहुंचे कोर्ट कर्मचारी

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कोटा। कोटा रेल मंडल द्वारा एक ठेकेदार को 6.37 लाख रुपए नहीं लौटाने पर शुक्रवार को कोर्ट के कर्मचारी कुर्की करने डीआरएम ऑफिस पहुंच गए। यहां पर कर्मचारियों ने डीआरएम और सीनियर डीसीएम की कार, फर्नीचर, लैपटॉप तथा कंप्यूटर आदि कुर्क करने का प्रयास किया। यह नजारा देख डीआरएम ऑफिस में हड़कंप मच गया।

सूचना पर तुरंत ही मौके पर सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त संजय चौधरी और अधिकारी जमा हो गए। बाद में अधिकारियों ने मामले में स्टे आने डीआरएम मनीष तिवारी के ऑफिस में नहीं होने की बात कहते हुए कर्मचारियों कुर्की कार्रवाई रोकने को कहा। लेकिन अधिकारियों की बात से असंतुष्ट कोर्ट कर्मचारी डीआरएम की मौजूदगी में शाम 4 बजे दोबारा कुर्की कार्रवाई शुरू करने की बात कहते हुए लौट गए।

यह है मामला
ठेकेदार के वकील कन्हैया सोनी ने बताया कि उनके क्लाइंट धर्मेंद्र त्रिपाठी ने वाणिज्य विभाग में ट्रेनों की पार्सल लीज के ठेका कार्य के लिए रेलवे के पास 7.50 लाख रुपए धरोहर राशि के रूप में जमा कराए थे। लेकिन काम खत्म होने के बाद भी रेलवे ने ठेकेदार को यह राशि नहीं लौटाई। बाद में मामला वाणिज्य कोर्ट पहुंच गया।

यहां 6-7 साल चले केस के बाद इसी साल फरवरी में कोर्ट ने रेलवे को कुल रकम में से 6.37 लाख रुपए यह धर्मेंद्र को लौटाने के आदेश दिए थे। लेकिन करीब 6 महीने गुजरने के बाद भी रेलवे ने धर्मेंद्र को यह राशि नहीं लौटाई। इस दौरान कोर्ट ने मंडल रेल प्रशासन को दो-तीन समन भी जारी किए। लेकिन इसके बाद भी रेलवे ने यह राशि लौटाना जरूरी नहीं समझा। मजबूरन कोर्ट को रेलवे संपत्ति कुर्की के आदेश देने पड़े।

इसी आदेश के तहत कोर्ट के कर्मचारी शुक्रवार सुबह करीब 12 बजे को डीआरएम ऑफिस पहुंचे थे। लेकिन यहां पर अधिकारियों के नहीं मिलने पर शाम को 4 बजे द्वारा कुर्की की कार्रवाई दोबारा शुरू की जाएगी। सोनी ने बताया कि रेलवे अधिकारियों द्वारा मामले में स्टे की बात कही जा रही है लेकिन स्टे की कोई कॉपी उन्हें अभी तक नहीं मिली है। वही मामले में सूत्रों ने बताया कि कोर्ट कर्मचारी पहुंचने तक डीआरएम ऑफिस में ही मौजूद थे। लेकिन इसके बाद डीआरएम तुरंत रवाना हो गए।

मामले में मिला स्टे
इस मामले में रेलवे के वकील मनोज पुरी ने बताया कि कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई अब 22 अगस्त को होगी। तब तक यह मामला स्थगित रहेगा।
अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब मामले को लेकर सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय और सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त संजय चौधरी को फोन किया गया था। लेकिन किसी ने भी फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।