रुपये में गिरावट से FPI का भारतीय बाजार से भरोसा टूटा, 5,600 करोड़ निकाले

791

नई दिल्ली। रुपए में रिकॉर्ड गिरावट और क्रूड ऑयल के बढ़ते दाम की वजह से विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा कम हो रहा है। विदेशी निवेशकों ने सितंबर में पिछले 5 ट्रेडिंग सेशन में भारतीय कैपिटल मार्केट से 5,600 करोड़ रुपए की निकासी है। इससे पहले, पिछले दो महीने में विदेशी निवेशक शेयर बाजार पर बुलिश थे और जमकर पैसा लगाए थे।

पिछले दो महीने में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट (इक्विटी और डेट) में 5,200 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया था। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार से 61 हजार करोड़ रुपए निकाले थे।

सितंबर में घटाई लिक्विडिटी
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) ने सितंबर महीने में इक्विटी से 1,021 करोड़ रुपए और डेट मार्केट से 4,628 करोड़ रुपए की निकासी की। यानी सितंबर में अबतक कुल 5,649 करोड़ रुपए बाजार से निकाले।

निकासी की वजह
मार्केट एनालिस्ट के अनुसार रुपए में जारी कमजोरी, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें, मार्केट रेग्युलेटर सेबी के एफपीआई सर्कुलर की चिंता और ग्लोबल मार्केट में कमजोरी की वजह से एफपीआई ने निकासी की है।

फॉरेन इन्वेस्टर्स लॉबी ग्रुप एसेट मैनेजमेंट राउंडटेबल ऑफ इंडिया (AMRI) ने सोमवार को कहा था कि नए नॉर्म्स लागू करने से ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया (OCIs), पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIOs) और नॉन रेसिडेंट इंडियंस (NRIs) द्वारा मैनेज किया जाने वाला 75 अरब डॉलर का निवेश भारत में निवेश के लिए अपात्र हो जाएगा और यह फंड बेहद कम समय में भारत के बाहर चला जाएगा। हालांकि सेबी ने कहा कि रेग्युलेटरी कदम से 75 अरब डॉलर (5.25 लाख करोड़ रु) का निवेश भारत से बाहर चले जाने का दावा पूरी तरह ‘फिजूल और गैर जिम्मेदाराना’ है।

FPI की चिंता बढ़ी
मॉर्निंगस्‍टार के सीनियर रिसर्च एनालिस्‍ट हिमांशु श्रीवास्‍तव का कहना है कि इस समय इसे लेकर FPI के बीच अनिश्चितता और चिंता बढ़ी है। FPI का फोकस लॉन्ग टर्म स्थिरता पर होगा।

इक्विटी से अबतक निकाले 3,400 करोड़ रु
इस साल की बात करें तो अबतक विदेशी निवेशकों ने इक्विटी से 3,400 करोड़ रुपए और बॉन्ड बाजार से 42,600 करोड़ रुपए की निकासी की है।