Bad loan: 12 और ऊर्जा कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर

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नई दिल्ली। भारतीय बैंक लाख कोशिशों के बावजूद बेड लोन वाले 12 खातों को रीकास्ट करने में असमर्थ दिख रहे हैं। ये सभी 12 खाते ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। अगर ऐसा ही रहा तो इन खातों को बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग शुरू करने के लिए बैंकरप्सी कोर्ट रेफर कर दिया जाएगा।

कंपनियों का नाम फिलहाल सार्वजनिक न करते हुए मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से 7 खातों का निपटारा होने की पहले उम्मीद की जा रही थी।बता दें कि आरबीआई ने फरवरी में बैंकरप्सी से जुड़े नए नियम लागू किए थे।

इसमें बैंकों को लोन रीकास्ट करने के लिए 180 दिन की टाइमलाइन दी गई थी जो 27 अगस्त को खत्म हो गई। भारतीय बैंकों की स्थिति इस वक्त किसी से छिपी नहीं है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के बैंकों पर बैड लोन सबसे ज्यादा है।

अबतक कुल 14 मामले ऐसे हैं जिन्हें बैंकरप्सी कोर्ट को भेजा गया है, अगर निपटारा नहीं हुआ तो इन 12 मामलों का भी उसी कोर्ट के पास भेज दिया जाएगा। पहले भेजे गए मामलों पर कुल 1.4 लाख करोड़ का बैड लोन है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, कोयले से ऊर्जा उत्पन्न करनेवाली 34 कंपनियों पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का बैड लोन था। इनमें से 14 जिनपर 55 करोड़ रुपये बैड लोन है उन्हें बैंकरप्सी कोर्ट रेफर कर दिया गया था। वहीं 8 खातों जिनपर 35 हजार करोड़ का कर्ज था, उन्हें सुलझा लिया गया था।