रुपये की चाल, कच्चा तेल और वैश्विक संकेतों से तय होगी बाजार की दिशा

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नई दिल्ली। 2018 समाप्त होने को है और साल के अंतिम सप्ताह में शेयर बाजार पर एफऐंडओ की एक्सपायरी, अमेरिकी सरकार में शटडाउन और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के चेयरमैन को पद से हटाने की अफवाह का असर देखा जा सकता है। पिछले सप्ताह अमेरिकी शेयर बाजार का रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और घरेलू घटनाक्रमों ने शेयर बाजार को भारी नुकसान पहुंचाया था।

आर्थिक सुस्ती की चिंता और फेडरल रिजर्व के सख्त रुख के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखा गया, जिससे घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गया।

इस दिन शेयर बाजार में लगभग दो फीसदी की गिरावट देखी गई और निवेशकों के 2.26 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 221 अंकों या 0.61 फीसदी और निफ्टी में 51 अंकों या 0.48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार की चाल इन छह मुद्दों पर तय होगी।

अगले सप्ताह बाजार में अस्थिरता देखी जा सकती है, क्योंकि दिसंबर सीरिज के फ्यूचर ऐंड ऑपश्न गुरुवार को एक्सपायर हो रहे हैं और निवेशक अपना पोजिशन जनवरी सीरिज में रोलओवर करेंगे। शेयर बाजार पर वैश्विक संकेतों का असर हावी रहेगा।

अमेरिकी शेयर बाजार में आए भूचाल ने लगभग सभी शेयर बाजारों पर असर डाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति की फेडरल रिजर्व के चेयरमैन के साथ तकरार ऐसे वक्त में सामने आ रही है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था थोड़ी बहुत संभली है।

सरकार का अगला कदम : पिछले कुछ दिनों के भीतर केंद्र सरकार ने पॉलिसी से जुड़े कुछ अहम फैसले किए हैं, जिनमें सरकारी बैंकों में पूंजी डालना और 22 आइटम्स पर जीएसटी की दरों में कटौती शामिल हैं और ये अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम हैं। सरकार का अगला कदम कुछ लोकलुभावन फैसले हो सकते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है और इससे शेयर बाजार का मिजाज बिगड़ सकता है।

कच्चा तेल:मांग में कमी और अधिक आपूर्ति की वजह से पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बढ़िया है, क्योंकि इससे राजकोषीय घाटे में कमी होती है और घरेलू करेंसी को मजबूती मिलती है। कच्चे तेल में लगातार गिरावट से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक फिर से निवेश कर सकते हैं।

आर्थिक आंकड़े :भारत में हालांकि इस सप्ताह अर्थव्यवस्था से जुड़ा कोई आंकड़ा जारी नहीं होने वाला है, लेकिन अमेरिका के नवंबर के न्यू होम्स सेल डेटा और पेंडिंग होम सेल्स डेटा, जापान के नवंबर के लिए बेरोजगारी का डेटा, बैंक ऑफ जापान का कोर सीपीआई डेटा और मौद्रिक नीति बैठक से जुड़ी खबरों का इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ सकता है।