रुपया तीन सप्ताह के निम्न स्तर पर, 73.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद

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नयी दिल्ली। पूंजी की सतत निकासी के बीच प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से बुधवार को रुपये की विनिमय दर 27 पैसे नरम पड़ कर 73.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। बाजार सूत्रों ने कहा कि आयातकों की डॉलर मांग बढ़ने तथा सरकार और रिजर्व बैंक के बीच टकराव होने को लेकर चिंताओं के कारण रुपये की धारणा प्रभावित हुई।

एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा, ‘‘सरकार के द्वारा रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की धारा-7 का सहारा लेने की विभिन्न खबरों के साथ ही साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा इस्तीफा देने की संभावनाओं से बाजार में चिंता फैल गई और एक समय रुपये को 74 रुपये से भी नीचे ले गया।’’

अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कल की तुलना में 73.91 रुपये पर कमजोर खुला और कारोबार के दौरान दिन के निचले स्तर 74.14 रुपये तक नीचे चला गया। इस संदर्भ में निवेशकों के बीच यह आशंका थी कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच टकराव बढ़ रहा है।

वित्त मंत्रालय द्वारा यह कहने के बाद कि सरकार ने केन्द्रीय बैंक की स्वायत्ता का पोषण और सम्मान किया है तथा कई मुद्दों पर व्यापक परामर्श करती रही है, रुपये की हानि कुछ कम हुई और यह 73.79 रुपये के दिन के उच्च स्तर पर जा पहुंचा।

कारोबार के अंत में रुपये की विनिमय दर पिछले बंद भाव से 27 पैसे अथवा 0.37 प्रतिशत की हानि के साथ 73.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। यह स्तर 11 अक्टूबर के बाद से देखने को नहीं मिला था।

बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली और आयातकों की डॉलर मांग बढ़ने से रुपये पर दबाव कायम हो गया। सोमवार को रुपया दो पैसे नरम हो कर 73.45 पर बंद हुआ था। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 550.92 अंकों की तेजी के साथ 34,442.05 अंक पर बंद हुआ।