राजस्व अधिकारी करदाताओं की परेशानियों को समझ संवेदनशीलता से कार्य करें: बिरला

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नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में आईआरएस (IRS) के 75वें बैच के भारतीय राजस्व सेवा परिवीक्षार्थियों क परिबोधन पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि हालांकि हमारे संविधान से हमें सुदृढ़ शासन प्रणाली मिली है, परंतु यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे और मजबूत करें और अपनी अर्थव्यवस्था और समाज को भी सुदृढ़ करें। श्री बिरला ने कहा कि एक सुदृढ़, पारदर्शी और जवाबदेह आर्थिक प्रणाली से ही विकास होता है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करते हुए यह सुनिश्चित करें कि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

आजादी के बाद भारत की 75 साल की यात्रा की बात करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस अवधि के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। कोविड महामारी के बाद जहां विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के संकेत दिख रहे हैं, वहीं भारत ने न केवल कोविड का सफलतापूर्वक सामना किया है, बल्कि हमारा आर्थिक आधार भी मजबूत रहा है और विकास के मामले में हमारी देश की अर्थव्यवस्था अन्य देशों से आगे है।

‘वन नेशन, वन टैक्सेशन’ (एक राष्ट्र, एक कर) का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि जीएसटी से भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली मजबूत हुई है और प्रत्यक्ष कराधान में प्रौद्योगिकी के उपयोग से यह एक फेसलेस प्रणाली बन गई है जो अधिक त्वरित गति और अधिक पारदर्शिता से कार्य कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करें।

राजस्व सेवा अधिकारियों की भूमिका के बारे में विचार व्यक्त करते हुए श्री बिरला ने कहा कि उन्हें कर आधार बढ़ाने और कर चोरी रोकने की दिशा में काम करना चाहिए। श्री बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्र के प्रति योगदान कर रहे करदाताओं का सम्मान किया जाना चाहिए। श्री बिरला ने आगे कहा कि राजस्व अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करना चाहिए और कर चोरी करने वालों को हतोत्साहित करना चाहिए ।

श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख करते हुए हर्ष व्यक्त किया कि इस वर्ष भारत ने जी-20 देशों के समूह के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया है और अगले जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन के अनुरूप है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि भविष्य में भारत विश्व का नेतृत्व करेगा और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाएगा ।