राजस्थान / 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक, 3 हजार व्याख्याता की हाेगी भर्ती

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जयपुर। राज्य सरकार ने बेरोजगारों को नए साल का तोहफा देते हुए मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने मंगलवार को दो नई भर्तियों का ऐलान किया। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार और स्कूल व्याख्याताओं के 3 हजार पदों पर भर्ती होगी। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए नए साल यानी 2020 में दाे अगस्त को रीट परीक्षा का आयोजन हाेगा।

स्कूल व्याख्याता पद के लिए यह नई भर्ती हाेगी और इसकी परीक्षा आगामी वर्ष सितंबर माह में होगी। मंगलवार काे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में भर्तियों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इसी में ये भर्तियां निकाले जाने का निर्णय किया गया। बैठक में गहलोत ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को समय से सरकारी शिक्षक भर्ती का लाभ देने के साथ ही उन्हें विभिन्न नई भर्तियों के माध्यम से उचित अवसर प्रदान करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए। बैठक में सीएम के अलावा शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा सचिव मंजू राजपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में ये निर्णय भी
जनजाति उपयोजना क्षेत्र (टीएसपी) के अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 31 हजार पदों में से 6,080 पद टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
पहली बार तृतीय श्रेणी लेवल-2 की भर्ती में विषय विशेषज्ञों के चयन के लिए विषय की गहन जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए प्रश्न पत्र की विषयवस्तु इस प्रकार तैयार की जाए कि अभ्यर्थियों को राजस्थान के बारे में जानकारी हो।

तय समय पर ही होगी परीक्षा
शिक्षा राज्यमंत्री गाेविंद सिंह डाेटासरा ने कहा कि बैठक में तय किया गया कि अभी चल रही 5 हजार स्कूल व्याख्याता भर्ती-2018 की परीक्षा तिथि नहीं बदलेगी। यह नियत तिथि 3 से 13 जनवरी तक ही होगी।

सांसद किराेड़ी मीणा व उनके साथ इस परीक्षा को स्थगित कराने की मांग कर रहे अभ्यर्थी तथा इसे समय पर कराने की मांग करने वाले अभ्यर्थियों सहित सभी पक्षों से बात करने के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि जो अभी पात्र नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए सितंबर में 3 हजार पदों की नई भर्ती परीक्षा होगी।

इसलिए आंदाेलनकारी अभ्यर्थियाें से निवेदन है कि आंदोलन समाप्त करें। वर्तमान परीक्षा स्थगित नहीं हाेगी, क्योंकि डेढ़ साल से तैयारी करने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं। स्कूलों में विद्यार्थी भी चाहते हैं कि समय पर उन्हें व्याख्याता मिलें।