राजस्थान में मिल मालिक किसानों से अब सीधे खरीद सकेंगे कृषि जिंस

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कोटा। लॉक डाउन के बीच किसानों व मिल संचालकों के लिए एक राहत भरी खबर है। मंडियां बंद होने से किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी आ रही है। इधर, दाल, आटा, चावल व तेल आदि मिलों के संचालकों को कच्चा माल नहीं मिलने से बाजार में इनकी कमी महसूस होने लगी है, इसे देखते हुए कृषि एवं सहकारिता विभाग ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

मंडी क्षेत्रों में आटा, चावल, तेल, दाल आदि मिलों को किसानों से कृषि जिंसो की सीधी खरीद के लाइसेंस देने के लिए कृषि विपणन विभाग द्वारा अभियान प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रसंस्करण की अधिकांश इकाईयों ने व्यापारी का लाइसेंस ले रखा है। इससे वे मंडी के व्यापारियों से कृषि जिंसो की खरीद करते है।

सीधी खरीद का लाइसेंस लेने के बाद प्रसंस्करण इकाईयां सीधे तौर पर किसानों से कृषि जिंसों की खरीद कर सकेंगी। इससे किसानों की तैयार फसल के विक्रय के लिए वैकल्पिक विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे एवं प्रसंस्करण इकाईयों को भी आवश्यकतानुसार कच्चा माल मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि कृषि विपणन विभाग द्वारा सीधी खरीद के लाइसेंस की शर्तो में भी शिथिलताएं दी गई है।

मंडी सचिव के कार्यालय में होगा आवेदन
सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र लेने के लिए व्यापारी, प्रसंस्करण इकाई, एफपीओ, एफपीसी द्वारा सम्बन्धित मंडी सचिव के कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदक को मात्र सीधी खरीद केन्द्र का नाम एवं एक दिन की औसत खरीद की सूचना के साथ आवेदन करना होगा।

अन्य दस्तावेज पूर्व में व्यापारी वर्ग अथवा संयुक्त वर्ग का अनुज्ञापत्र की पत्रावली में प्रस्तुत किए गए थे, उनकी खुद के हस्ताक्षर की प्रति ही मान्य होगी। जिन आवेदकों के पास पूर्व में मंडी द्वारा जारी व्यापारी वर्ग अथवा संयुक्त वर्ग का अनुज्ञापत्र नहीं है, उन्हे आवेदन के साथ समुचित दस्तावेज संलग्न करने होंगे। बकाया मंडी शुल्क माफी योजना की अवधि 31 मार्च से बढ़ाकर अब 30 जून तक कर दी गई है।