राजस्थान में भी कोरोना अलर्ट जारी, जानिए क्या है दिशा निर्देश

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जयपुर। देश और दुनिया में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए राजस्थान सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के सभी सीएमएचओ को निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना की रोकथाम के तमाम इंतजाम करने के लिए कहा गया है।

राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में भी कोविड-19 के बचाव और नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जानी है। सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि निम्न गतिविधियां प्रभावी एवं नियमित रूप से सुनिश्चित करावें।

  • स्क्रीनिंग:-जिले में एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई रोगियों की पहचान कर वांछित कार्यवाही की जायें।
  • ओ.पी.डी. स्क्रीनिंग: ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों का सैम्पल लेकर कोविड की जांच करावें तथा ओपीडी में आने वाले समस्त रोगियों की पृथक से पहचान कर उनकी जांच एवं उपचार सुनिश्चित करावें।
  • जीनोम सीक्वेसिंग: समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जीनोम सीक्वेसिंग हेतु सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैम्पल की व्यवस्था करें।
  • रेण्डम सैम्पलिंग: रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, विद्यालय एवं अन्य भीड-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले संदिग्ध रोगियों की रेण्डम सैम्पलिंग करवायी जायें।
  • हाई रिस्क ग्रुपः एक्टिव सर्वे एवं ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरन्त उपचार करवाना सुनिश्चित करें।
  • दिशा-निर्देशों की पालना: पूर्व में जारी समस्त निर्देशों यथा स्क्रीनिंग, सैम्पल कलेक्शन, रेण्डम सैम्पलिंग, उपचार, डिस्चार्ज की पालना सुनिश्चित की जायें।
  • अन्तर्विभागीय समन्वय:जिला कलक्टर की अध्यक्षता में अन्य विभागों यथा-पुलिस, पंचायती राज महिला एवं बाल विकास, नगर-निगम, आयूष आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समीक्षा की जायें।
  • आरआरटी: प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रेस्पॉस टीम को कार्यशील रहने के निर्देश प्रदान करें।
  • लॉजिस्टिक: समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक एवं दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
  • प्रचार-प्रसारः घर-घर सर्वे के दौरान कोविड एवं अन्य मौसमी बिमारियों के लक्षण व उससे बचने के उपाय एवं विभागीय स्तर पर आमजन को जागरूक करें।
  • नियंत्रण कक्षः जिला व खण्ड पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखें तथा उक्त से आमजन को अवगत करावें।