राजस्थान/ नकली नोट छापने वाली गैंग के सात युवक गिरफ्तार

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सीकर। शहर में नकली नोट छापकर रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल करने वाली गैंग के सात आरोपियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी युवक पढ़ाई में अव्वल रहे है। मौज मस्ती के रूपयों की जरुरत के चलते गैंग के एक साथी ने गूगल सर्च पर नकली नोट छापने की तकनीक सीखी। फिर अपने दोस्तों के साथ एक ट्रेवल्स शॉप में नकली नोट छपवाना शुरु कर दिया।

सीकर एसपी डॉ. गगनदीप सिंगला ने बताया कि यह गैंग नकली नोटों की बड़ी खेप को आसपास के क्षेत्र में चलाने की योजना बना रही थी। इसके पहले ही फतेहपुर कोतवाली थाना पुलिस की टीम ने इस गैंग के सात युवकों को पकड़ लिया। उनसे करीब 200-200 रुपए और कटे-फटे 25 हजार 400 रूपए के नकली नोट बरामद किए है। जब्त हुए इन सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर OLF933094 छपा हुआ था। इससे यह गैंग अपने काले कारनामे को ज्यादा देर छिपा नहीं सकी और उनका भेद खुल गया।

एसपी सिंगला के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी विजेंद्र उर्फ बिजू जाट, अभिषेक पचार, रामावतार जाट, अजय डारा, अंकित कुमार जाट, राकेश कुमार, रफीक शेख, सुरेंद्र जाट निवासी सीकर और एक शुभकरण जाट निवासी नवलगढ़, झुंझुनूं है। इसके अलावा प्रिंटर, सीपीयू व एलईडी तथा कीबोर्ड भी पुलिस ने बरामद किया है। फतेहपुर कोतवाली थानाप्रभारी उदय सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इलाके में बुधगिरी मंडी के पास युवकों के पास नकली नोटों की गडि्डयां है।

नकली नोट की हूबहू छपाई देख असली समझ बैठी पुलिस, सीरियल नंबर से पकड़ा
ये लोग एक दुकान पर इन नोटों की छपाई करवाकर बाजार में चलाते है। तब एएसपी देवेंद्र कुमार शर्मा के निर्देशन में सीओ फतेहपुर ओमप्रकाश किलानियां व फतेहपुर कोतवाली थानाप्रभारी उदय सिंह यादव के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने बुधगिरी मंडी पहुंचकर वहां मौजूद इन सात युवकों को घेराबंदी कर पकड़ा।

तलाशी के दौरान इनके कब्जे से 200-200 रुपए के नकली नोटों मिले। एकबारगी नोटों को देखकर पुलिस भी धोखा खा गई। ये नोट बिल्कुल असली लग रहे थे। लेकिन सभी नोटों पर अंकित एक ही सीरियल नंबर ने संदेह पैदा कर दिया। ये युवक नोटों के बारे में बता नहीं सके। ऐसे में पुलिस ने थाने पर लाकर गहनता से पूछताछ की तो गैंग के सदस्यों ने सच्चाई उगल दी।

रोजमर्रा के कामों में करते थे इस्तेमाल
एएसपी देवेंद्र शर्मा के मुताबिक केस की पड़ताल रामगढ़ सेठान थानाप्रभारी एसआई उमाशंकर शर्मा को सौंपी गई। तब पूछताछ में गैंग में शामिल अंकित जाट ने बताया कि उसने गूगल सर्च पर नकली नोट छापना सीखा था। इसके बाद अंकित ने अपने साथियों के साथ मिलकर नकली नोट छापना शुरु कर दिया।

ये लोग कल्याण सर्किल, सीकर में स्थित लक्ष्मी ट्रेवल्स शॉप पर नकली नोट छपवाते थे। इन नोटों को रोजमर्रा के कामों में पहले जमकर इस्तेमाल किया। इसके बाद नकली नोटों को आसपास के क्षेत्र में खपाना चाहते थे। इसके पहले ही गैंग पुलिस की गिरफ्त में आ गई।

एक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भी शामिल
थानाप्रभारी उदय सिंह यादव के मुताबिक पकड़े गए सभी युवक पढ़ाई में अव्वल रहे है और काफी नंबर हासिल किए है। ये अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते है। इनमें गिरफ्तार आरोपी रामावतार जाट वर्ष 2017-18 में विज्ञान कॉलेज, सीकर में छात्रसंघ अध्यक्ष रहा है। वह कर्राटे में राजस्थान की तरफ से गोल्ड मेडल जीत कर लाया था। वह अभी एमएससी की पढ़ाई कर रहा है। लेकिन मौज मस्ती में रुपए खर्च करने के लालच में एक दूसरे के साथ नकली नोट छपवाकर उपयोग करने लगे।