मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल बनी 34 अरब डॉलर की कंपनी

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नई दिल्ली। देश के सबसे धनी कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल 34 अरब डॉलर (करीब 2.4 लाख करोड़ रुपए) की कंपनी बन गई है। कंपनी का यह मूल्य इसके शेयरधारकों के लिए लाई गई एक प्रस्तावित शेयर अदला-बदली (शेयर स्वैप) योजना में लगाया गया है।

रिलायंस रिटेल देश के सबसे बड़े सुपर मार्केट स्टोर्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स आउटलेट्स चेन का संचालन करती है। रिलायंस रिटेल का यह मूल्य एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड से करीब दोगुना है। उधर टेस्को का मूल्य 32 अरब डॉलर है।

रिलायंस रिटेल के शेयरधारकों को हर 4 शेयर के लिए मिलेगा आरआईएल का एक शेयर
रिलायंस रिटेल के वेबसाइट पर पोस्ट किए गए प्रस्ताव के मुताबिक इसके शेयरधारकों को हर चार शेयर के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का एक शेयर मिलेगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज बीएसई और एनएसई पर लिस्टेड है, लेकिन उसकी सहयोगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स की सहायक इकाई रिलायंस शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है। गुरुवार को बीएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.94 फीसदी गिरावट के साथ 1,515.95 रुपए पर बंद हुए। इस मूल्य पर आरआईएल का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 9,60,991.56 करोड़ रुपए है।

रिलायंस रिटेल में कर्मचारियों की 0.05 फीसदी हिस्सेदारी है
आरआईएल ने अगस्त में कहा था कि वह अगले पांच साल में रिलायंस रिटेल को शेयर बाजार पर लिस्ट कर सकती है। पिछले साल रिलायंस रिटेल ने कुल बिक्री 1.3 लाख करोड़ रुपए की दर्ज की थी। इसके देशभर में 10,901 स्टोर हैं। रिलायंस रिटेल में रिलायंस रिटेल वेंचर्स की 99.95 फीसदी हिस्सेदारी है। 0.05 फीसदी हिस्सेदारी कर्मचारियों के पास है।

शेयर स्वैप का प्रस्ताव
रिलायंस रिटेल ने कहा कि 2006 और 2007 में एंप्लाईजी स्टॉक ऑप्शंस योजना के तहत उसने अपने कर्मचारियों को कुछ शेयर दिए थे। ये कर्मचारी कंपनी से आग्रह कर रहे थे कि उन्हें इस निवेश से बाहर निकलने और इन शेयरों को बेचने की अनुमति दी जाए।

इसके लिए वे कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट करने का अनुरोध कर रहे थे। लेकिन कंपनी को अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की कोई योजना नहीं है। इसलिए यह शेयर स्वैप योजना लाई गई है। इसे मंजूरी देने के लिए 23 जनवरी को रिलायंस रिटेल के शेयरधारकों की एक बैठक बुलाई गई है।