स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों पर खरे हैं मसाले, एमडीएच और एवरेस्ट कंपनी का दावा

0
19

नई दिल्ली। अपने बेहतरीन मसालों के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय मसाला ब्रांड MDH ने शनिवार को उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया कि उसके प्रोडक्ट 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। इसी के साथ कंपनी ने हांगकांग (Hong Kong) और सिंगापुर (Singapore) के खाद्य नियामकों द्वारा कुछ उत्पादों में कुछ कीटनाशकों की मौजूदगी के आरोपों को खारिज कर दिया।

सिंगापुर और हांगकांग ने हाल ही में गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के कारण एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) कंपनियों के कुछ मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हांगकांग और सिंगापुर के अधिकारियों ने कहा है कि उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड (ethylene oxide) का उच्च स्तर होता है, जो मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा होता है।

कंपनियों के उत्पाद भारत में बेहद लोकप्रिय हैं और यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के देशों में निर्यात किए जाते हैं। हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामक (CFS) ने उपभोक्ताओं से MDH के मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिक्स मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिक्स मसाला पाउडर को न खरीदने और व्यापारियों से बिक्री न करने को कहा है जबकि सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है।

एक बयान में, MDH ने कहा कि उसे हांगकांग और सिंगापुर के खाद्य सुरक्षा नियामकों से इस मुद्दे पर कोई नोटिस नहीं मिला है। अपने कुछ उत्पादों में ETO (एथिलीन ऑक्साइड) की कथित उपस्थिति के संदर्भ में, MDH ने कहा कि “ये दावे झूठे हैं और इनमें कोई ठोस सबूत नहीं है”।

“इसके अतिरिक्त, हम यह दावा करना चाहेंगे कि MDH को सिंगापुर या हांगकांग के नियामक अधिकारियों से कोई नोटिस नहीं मिला है।” MDH ने कहा कि भारतीय मसाला बोर्ड और खाद्य नियामक FSSAI को इस मामले के संबंध में हांगकांग या सिंगापुर अधिकारियों से कोई नोटिस या परीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली है।बयान में कहा गया, “यह इस तथ्य को पुष्ट करता है कि MDH के खिलाफ आरोप निराधार हैं और इस संबंध में कोई भी ठोस सबूत नहीं हैं।”

MDH अपने खरीदारों और ग्राहकों को अपने सभी उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता के बारे में आश्वस्त करता है। बयान में कहा गया है, “हम अपने खरीदारों और उपभोक्ताओं को आश्वस्त करते हैं कि हम अपने मसालों के भंडारण, प्रसंस्करण या पैकिंग के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) का उपयोग नहीं करते हैं।”

कंपनी ने यह भी कहा कि वह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करती है। कंपनी ने कहा, “MDH की टैगलाइन, ‘असली मसाला सच सच, एमडीएच एमडीएच’ और ‘रियल स्पाइसेज ऑफ इंडिया’ ग्राहकों को प्रामाणिक, उच्च गुणवत्ता वाले मसाले उपलब्ध कराने की हमारी वास्तविक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

इससे पहले 23 अप्रैल 2024 को एवरेस्ट ने एक बयान में कहा था कि उसके मसाले उपभोग के लिए सुरक्षित हैं और उसके उत्पादों का निर्यात “भारत के मसाला बोर्ड की प्रयोगशालाओं से आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही किया जाता है।” एवरेस्ट के निदेशक राजीव शाह ने बयान में कहा, सिंगापुर ने एवरेस्ट के 60 उत्पादों में से केवल एक को जांच के लिए रखा था।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसालों का उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। 2022-23 में देश ने करीब 32,000 करोड़ रुपये का मसाला निर्यात किया। मिर्च, जीरा, मसाला तेल और ओलियोरेसिन, हल्दी, करी पाउडर और इलायची निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसाले हैं।