मारुति सुजुकी ने 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

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नई दिल्ली। उपभोग घटने से आई सुस्ती के मद्देनजर वाहन दिग्गज मारुति सुजुकी इंडिया ने 1,000 अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी कर दी है और नई भर्तियों को रोकने की योजना बनाई है। इसके अलावा कंपनी वर्तमान मंदी से निपटने के लिए लागत में कटौती के अन्य उपाय तलाश रही है। इस मंदी की चपेट में कई वाहन कंपनियों की बिक्री न सिर्फ कम हुई है, बल्कि निचले स्तर पर पहुंच गई है।

वाहन कंपनियां कम कर रही हैं उत्पादन
एजेंसी की खबरों के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया, “अस्थायी कर्मचारी सबसे पहले प्रभावित होते हैं और इस मामले में भी ऐसा ही हुआ।” हालांकि कंपनी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई। उद्योग के जानकारों का कहना है कि माह-दर-माह बिक्री गिरने और डीलरशिप पर इन्वेंट्री के बढ़ने से न सिर्फ मारुति सुजुकी, बल्कि अन्य वाहन कंपनियों को भी उत्पादन कम करना पड़ा है, जिसके कारण फैक्ट्री और खुदरा स्तर पर नौकरियां कम हो गई हैं।

जुलाई में 33.5 फीसदी गिरावट दर्ज हुई
गुरुवार को मारुति सुजुकी इंडिया ने कुल बिक्री में जुलाई में 33.5 फीसदी गिरावट की जानकारी दी थी, जिसमें कंपनी द्वारा किए जानेवाला निर्यात भी शामिल था। मारुति सुजुकी इंडिया के मुताबिक, पिछले महीने उसने कुल 1,09,264 वाहनों की बिक्री की, जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में कंपनी ने कुल 1,64,369 वाहनों की बिक्री की थी। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की घरेलू बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 35.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जोकि जुलाई में कुल 1,00,006 वाहनों की रही।

निर्यात में 9.4 फीसदी गिरावट
हालांकि, कंपनी के कुल घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 36.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो कि 96,478 वाहनों की रही। कंपनी के लाइट कमर्शियल वाहनों की बिक्री में 0.5 फीसदी की मामूली तेजी दर्ज की गई, जो कि कुल 1,732 वाहनों की रही। कंपनी के निर्यात में जुलाई में 9.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि 9,258 वाहनों की रही, जबकि पिछले साल के इसी महीने में कंपनी ने कुल 10,219 वाहनों का निर्यात किया था। पिछले महीने मारुति सुजुकी ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में उसके मुनाफे में 27.3 फीसदी की कमी आई, जो कि 1,435.5 करोड़ रुपए रहा।