महंगाई से राहत के बाद रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। मौद्रिक समिति ने इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस आशय का ऐलान किया।

आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली समिति के सामने इस बार दो मुद्दे बहुत अहम थे, एक लगातार 6 फीसद के ऊपर बनी हुई महंगाई और दूसरा, विपरीत वैश्विक परिस्थियों से निपटने की कवायद। इन दोनों को एक साथ साधना बहुत मुश्किल काम है।

उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों, विशेष रूप से यूएस फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा हाल ही में की गई बढ़ोतरी के मद्देनजर यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त होने के बाद रेपो दरों को 6.50 फीसद के स्तर पर बरकरार रखने की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई।

आज की जाने वाले घोषणा में रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और अन्य संबंधित निर्णय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आरबीआई गवर्नर ने वर्तमान घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की। बता दें कि बहुत से अर्थशास्त्रियों का मानना था कि रेपो रेट में एक चौथाई अंक या 25 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि हो सकती है। हाल के दिनों में जारी किए जाने वाले आर्थिक आंकड़ों की इसमें अहम भूमिका रही।

क्या हैं इस फैसले के मायने: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फरवरी में आरबीआई ने 25 आधार अंकों की वृद्धि की थी। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में लगातार वृद्धि की है।