भ्रष्टाचार रोधी बैठक में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मुद्दे पर होगी चर्चा, मीटिंग शुरू

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नई दिल्ली। G20 Summit: जी-20 के भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह की तीसरी और आखिरी बैठक कोलकाता में नौ से 11 अगस्त तक होगी। इसमें भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण तथा परिसंपत्तियों की बरामदगी जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहेंगे। जी-20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 154 से अधिक प्रतिनिधि भारत की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में हिस्सा लेंगे।

इस बैठक के बाद 12 अगस्त को जी-20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्री स्तरीय बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह करेंगे। भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की यह दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रिस्तरीय बैठक में विचार-विमर्श से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की राजनीतिक कोशिश तेज होगी क्योंकि एसीडब्ल्यूजी भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास की अगुआई में अहम भूमिका निभाता है।

भारत की जी 20 अध्यक्षता में एसीडब्ल्यूजी ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तथा उनकी परिसंपत्तियों को वापस लाने के सिलसिले में सहयोग करने के मामले में अहम प्रगति की है। एसीडब्ल्यूजी की पहली और दूसरी बैठक क्रमश: गुरुग्राम और ऋषिकेश में हुई थी जिसमें भारत तीन अहम दस्तावेजों को अंतिम रूप देने तथा अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर सहमति बनाने में सफल रहा था।

पीएमओ ने की जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए समय पर तैयारी सुनिश्चित करने में सरकार के समूचे दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इस सम्मेलन में एक महीने का समय बचा है। वे प्रगति मैदान के भारत मंडपम में भारत की जी-20 अध्यक्षता पर समन्वय समिति की सातवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में शिखर सम्मेलन की तैयारियों के साथ-साथ तार्किक पहलुओं और प्रगति पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैठक में जी-20 के शेरपा, आर्थिक कार्य विभाग और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिवों ने अपने प्रस्तुतीकरण दिए।

पीएमओ ने कहा कि इस बैठक में भारतीय अध्यक्षता की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई, जिनमें हरित विकास, सतत विकास लक्ष्यों को तेज करना, मजबूत सतत संतुलन और समावेशी वृद्धि, लैंगिग समानता और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधारों को गतिशील बनाना आदि शामिल हैं।