बजट 2020 / हर स्लैब में इस तरह लगेगा आपको टैक्स, जानिए

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नई दिल्ली। बजट में घोषणा के बाद नए इनकम टैक्स नियम को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा तो कुछ का कहना है कि इससे टैक्स का बोझ घटने वाला है। दोनों टैक्स सिस्टम में 5 लाख तक इनकम टैक्स फ्री है। यहां दो बातें बेहद महत्वपूर्ण है। पुराने सिस्टम में टैक्स रेट ज्यादा है, लेकिन छूट की सुविधा है। ऐसे में टैक्स बेनिफिट्स के लिए निवेश करना जरूरी है। टैक्सपेयर्स निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं।

सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख तक, अगर होम लोन लिया है तो इंट्रेस्ट पर 2 लाख तक, होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक जो सेक्शन 80सी में आता है, मेडिकल इंश्योरेंस के लिए सेक्शन 80D के तहत 50 हजार रुपये छूट की सुविधा मिलती है। इसके अलावा 5 लाख तक इनकम पर 12500 रुपये रीबेट मिलती है। कमाई के आधार पर टैक्सपेयर्स के लिए कौन सा टैक्स सिस्टम बेहतर है इससे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।

6 लाख तक सालाना कमाई
पुराने सिस्टम में कोई टैक्स नहीं लगेगा, अगर वह पूरे डिडक्शन (5 लाख) क्लेम कर लेता है। ऐसे में उसके पास खर्च के लिए मात्र 1 लाख रुपये होंगे। पुराने टैक्स सिस्टम के अंतर्गत एक टैक्सपेयर स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50 हजार, 80सी में 1.5 लाख, 80डी में 50 हजार, होम लोन के इंट्रेस्ट पर 2 लाख और नैशनल पेंशन स्कीम (NPS) के अंतर्गत 50 हजार 80CCD (1B) में क्लेम कर सकता है। यह राशि 5 लाख होती है।

नए सिस्टम के तहत उसे 2.5 लाख से 5 लाख पर 5 पर्सेंट के हिसाब से 12500 रुपये, बाकी एक लाख पर 10 पर्सेंट के हिसाब से हजार रुपये और सेस चुकाने होंगे। टैक्स की कुल राशि 12500+10000= 22500 रुपये और 4 पर्सेंट सेस (900) के साथ कुल टैक्स 23400 रुपये बनता है। नए सिस्टम में खर्च के लिए 576600 रुपये होंगे।

9 लाख सालाना कमाई पर
अगर किसी की कमाई 9 लाख सालाना (75 हजार महीना) है और वह अगर पूरे डिडक्शन (5 लाख) क्लेम करता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। डिडक्शन के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम 4 लाख रहती है जिसपर कोई टैक्स नहीं लगता है।

नए सिस्टम के तहत उसे 62400 रुपये टैक्स चुकाने होंगे।
-2.5 लाख रुपये टैक्स फ्री है।
-2.5-5 के 2.5 लाख पर 5% की दर से 12,500 रुपये टैक्स।
-5 से 7.5 लाख तक के 2.5 लाख पर 10% की दर से 25,000 रुपये टैक्स।
-7.5 से 9 लाख तक के 1.5 लाख पर 15% की दर से 22,250 रुपये टैक्स।
-कुल टैक्स 12,500 + 25,000 + 22,250 =60,000 रुपये। 4 फीसदी सेस (2400 रुपये) के बाद कुल टैक्स का बोझ 62400 रुपये होगा।

11 लाख सालाना कमाई पर

पुराने सिस्टम के तहत 5 लाख तक डिडक्शन क्लेम करने के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम 6 लाख रुपये होती है।
-2.5 लाख तक उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा।
-2.5-5 लाख तक 5 पर्सेंट के हिसाब से उसे 12500 रुपये देने होंगे।
-5 लाख से 6 लाख के 1 लाख पर उसे 20 पर्सेंट के हिसाब से 20 हजार रुपये देने होंगे।
-इस तरह पुराने टैक्स सिस्टम में उसे कुल 12500+20000=32500 रुपये टैक्स बनता है जिसपर 4 पर्सेंट सेस (1300)। उस टैक्सपेयर की कुल देनदारी 32500+1300=33800 रुपये बनती है।

नए टैक्स सिस्टम के तहत
-2.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।
-2.5 लाख से 5 लाख तक 5 पर्सेंट के हिसाब 12500 रुपये।
-5-7.5 लाख तक 2.5 लाख पर 10 पर्सेंट के हिसाब से 25000 रुपये।
-7.5-10 लाख तक 2.5 लाख पर 15 पर्सेंट के हिसाब से 37500 रुपये।
-10-11 लाख तक 1 लाख पर 20 पर्सेंट के हिसाब से 20000 रुपये।
-कुल टैक्स का बोझ 12500+25000+37500+20000=95000 रुपये। 4 पर्सेंट सेस (3800 रुपये) के बाद कुल टैक्स की राशि 98800 रुपये बनती है।

13 लाख तक इनकम होने पर

पुराने सिस्टम के तहत 5 लाख तक डिडक्शन क्लेम करने के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम 8 लाख रुपये होती है।
-पुराने टैक्स सिस्टम के तहत
-2.5 लाख तक उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा।
–2.5-5 लाख तक 5 पर्सेंट के हिसाब से उसे 12500 रुपये देने होंगे।
-5 लाख से 8 लाख के 3 लाख पर उसे 20 पर्सेंट के हिसाब से 60000 रुपये देने होंगे।
इस तरह पुराने टैक्स सिस्टम में उसे कुल 12500+60000=72500 रुपये टैक्स बनता है जिसपर 4 पर्सेंट सेस (2900 रुपये)। उस टैक्सपेयर की कुल देनदारी 72500+2900=75400 रुपये बनती है।

नए टैक्स सिस्टम के तहत
-2.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।
-2.5 लाख से 5 लाख तक 5 पर्सेंट के हिसाब 12500 रुपये।
-5-7.5 लाख तक 2.5 लाख पर 10 पर्सेंट के हिसाब से 25000 रुपये।
-7.5-10 लाख तक 2.5 लाख पर 15 पर्सेंट के हिसाब से 37500 रुपये।
-10-12.5 लाख तक 2.5 लाख पर 20 पर्सेंट के हिसाब से 50000 रुपये।
-12.5-13 लाख तक 50 हजार पर 25 पर्सेंट के हिसाब से 12500 रुपये।
कुल टैक्स का बोझ 12500+25000+37500+50000+12500=137500 रुपये। 4 पर्सेंट सेस (5500 रुपये) के बाद कुल टैक्स की राशि 143000 रुपये बनती है।

16 लाख सालाना कमाई पर

पुराने सिस्टम के तहत 5 लाख तक डिडक्शन क्लेम करने के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम 11 लाख रुपये होती है।
पुराने टैक्स सिस्टम के तहत
2.5 लाख तक उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा।
2.5-5 लाख तक 5 पर्सेंट के हिसाब से उसे 12500 रुपये देने होंगे।
5 लाख से 10 लाख के 5 लाख पर उसे 20 पर्सेंट के हिसाब से 100000 रुपये देने होंगे।
10 लाख से 11 लाख के 1 लाख की कमाई पर 30 पर्सेंट के हिसाब से उसे 30000 रुपये चुकाने होंगे।

इस तरह पुराने टैक्स सिस्टम में उसे कुल 12500+100000+30000=142500 रुपये टैक्स बनता है जिसपर 4 पर्सेंट सेस (5700 रुपये)। उस टैक्सपेयर की कुल देनदारी 142500+5700=148200रुपये बनती है।