बजट में आयकर छूट की सीमा पांच लाख की जाए, व्यापारियों की अपील

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सेमिनार में उद्यमी एवं व्यापारी मुख्य आयकर आयुक्त से हुए रुबरु

कोटा।  मुख्य आयकर आयुक्त एस.के.सिंह ने कहा कि सरकार शीघ्र ईमानदार करदाताओं को सम्मानित करने एवं उन्हें अन्य कई तरह की सुविधाएं प्रदान करने पर विचार कर रही है। वे सोमवार को कोटा व्यापार महासंघ, दी एस.एस.आई. एसोसिएशन, टैक्स बार एसोसिएशन एवं लघु उद्योग भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयकर विभाग की रुबरु कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। 

बजट में  व्यापारियों एवं उद्यमियों के आयकर छूट सीमा 2,50,000/- से बढ़ाकर 5,00,000/- करने करने के सुझाव पर मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा कि सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। जीएसटी एव इनकम टैक्स की ऑडिट एक साथ करने के सुझाव पर उन्होंने कहा की यह अलग अलग टैक्स है। दोनों की एक दूसरे से तुलना नहीं है। उन्होंने कोटा आने का उदेश्य जाहिर करते हुए कहा कि यहाँ पर ज्यादा से ज्यादा करदाता जुड़ें और अपना टैक्स ईमानदारी से चुकाएँ।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रधान आयकर आयुक्त एस.एस. गौतम, अपर आयकर आयुक्त रण सिंह एवं संयुक्त आयकर आयुक्त अश्वनी होसमनी थी। कार्यशाला को संबोधित करते हुये कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा की व्यापारी एवं उद्यमी ईमानदारी से अपना कर चुकाना चाहता है, लेकिन आयकर प्रावधानों की उचित जानकारी नहीं होने के कारण गलतियां कर बैठता है।  जिससे वह अनावश्यक परेशानियों में पड़ जाता है जाता है।

उन्होंने कहा पिछले दिनों व्यापारियों एवं उद्यमियों के बीच जाकर आयकर विभाग ने कई सेमिनार का आयोजन किया है। जिससे व्यापारी एवं उद्यमी भी लाभान्वित हुये। उन्होंने विभाग के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करने की मंशा जाहिर करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त से समय समय पर व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ रूबरू कार्यक्रम करने की अपील की। ताकि व्यापारी आयकर के नियमों के अनुरूप अपना कार्य कर सके। 

क्योंकि व्यापारी के पास बार- बार आयकर विभाग, सीए या कर सलाहकार के चक्कर लगाने का समय नहीं होता है। साथ ही माहेश्वरी  ने अपील की कि जो भी सरकारी स्तर पर आयकर से संबधित नीतियाँबनायी जाती है। उसमें व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों को भी प्रतिनिधित्व दिया जावे।

उनका सुझाव यह भी था कि आयकर विभाग व्यापारी उद्यमियों के साथ एक सलाहकार समिति का गठन करे, जिससे कानून बनाते समय व्यवहारिक दृष्टिकोण बनाया जा सके। उन्होंनें आयकर की छूट सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की भी अपील की ।

दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविन्द राम मित्तल ने अपने स्वागत भाषण में व्यापार एवं उद्योग जगत में वर्तमान में आ रही आयकर की समस्याओं से मुख्य आयकर आयुक्त को अवगत कराया। महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन ने कहा कि छोटे छोटे व्यापारियों को भी आयकर विभाग  जोड़े,  जिससे आने वाले समय में उनको व्यापार करने में कठिनाई न हो।

दी. एस.एस.आई. एसोसिएशन  के अध्यक्ष बी.एल. गुप्ता एवं सचिव अमित बंसल ने कहा की छोटे छोटे उद्यमियों को उद्योगों में दी जाने वाली छूट की पूरी जानकारी विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जानी चाहिये। टैक्स बार एसोसियेशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता, सचिव देवेन्द्र कटारिया ने कहा कि ई रिर्टन की सुविधा एवं स्क्रूटनी के नियमों में काफी बदलाव आया है । अभी इसमें कुछ बदलाव और होना चाहिये ।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विपिन सूद एवं सचिव अंकुर गुप्ता ने कहा अभी आयकर के कई कानूनों में बदलाव की आवश्यकता है। जिससे व्यापारी उद्यमी अपना व्यापार सरल रूप से कर सकें। अंत में टैक्स बार ऐसोसियेशन के अनीश माहेश्वरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।