बच्चों के आधार के इस्तेमाल के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी, जानें क्या हैं नियम

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नई दिल्ली। आधार के नियमों में सरकार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आधार के सहारे बच्चों की उम्र सत्यापित करने के लिए अब उनके माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब इस प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा करना होगा।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय डेटा सुरक्षा नियमों पर परामर्श शुरू करने के लिए तैयार है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को चार महीने पहले अगस्त में अधिसूचित किया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 19 दिसंबर को प्रस्तावित नियमों पर उद्योग जगत के साथ बंद कमरे में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है।

आपको बता दें कि इस अधिनियम को उपयोग में लाने के लिए कम से कम 25 नियम बनाने होंगे और सरकार को किसी भी प्रावधान के लिए नियम बनाने का अधिकार भी दिया गया है जो वह उचित समझे।

उनमें से एक ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने से पहले बच्चे की उम्र सत्यापित करने के लिए एक सहमति ढांचा विकसित करना भी है। अधिनियम में कहा गया है कि कंपनियों को 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को अपने प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की अनुमति देने के लिए उसके माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

दो तरीकों की सिफारिश करने की उम्मीद की जा रही है। एक माता-पिता के डिजीलॉकर ऐप का उपयोग करना है। दूसरा एक इलेक्ट्रॉनिक टोकन प्रणाली बनाना।

माता-पिता को अपने बच्चों के आधार विवरण को डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की अनुमति दी जाएगी। प्लेटफॉर्म यह सत्यापित करने के लिए ऐप को पिंग करने में सक्षम होंगे कि उनकी साइट तक पहुंचने वाला व्यक्ति वास्तव में एक बच्चा है या नहीं।

नाम नहीं बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ”यह आधार आधारित प्रमाणीकरण होगा। इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स की आधार डिटेल्स नहीं पता होंगी। यह उपयोगकर्ता की उम्र पर आधार डेटाबेस से अनुमति लेने की एक सरल प्रक्रिया है।”