फूड मिनिस्ट्री पाम ऑइल पर 12% कर सकती है IGST

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नई दिल्ली।खाद्य मंत्रालय इंपोर्टेड रिफाइंड पाम ऑइल पर इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) दर बढ़ाकर 12 पर्सेंट करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय अगले साल जनवरी से कमोडिटी पर आयात शुल्क में होने वाली कटौती की भरपाई के लिए यह कदम उठा रहा है। भारत ने असोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN) से वादा किया था, जिसके तहत इसने पाम ऑइल पर शुल्क कम करने की योजना बनाई है।

अभी इंपोर्टेड क्रूड पाम ऑयल पर 5 पर्सेंट IGST लगता है। इसमें बदलाव की गुंजाइश कम है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘1 जनवरी 2020 से क्रूड ऑइल और रिफाइंड पाम ऑइल पर कस्टम ड्यूटी घटने वाली है। इसके चलते IGST बढ़ाने की मांग हो रही है। क्रूड पाम ऑइल पर आयात शुल्क 40 पर्सेंट से घटाकर 37.5 पर्सेंट और रिफाइंड ऑइल पर 50 पर्सेंट से घटाकर 47 पर्सेंट किया जा सकता है। IGST बढ़ाने से घरेलू रिफाइनर्स के हितों की रक्षा होगी।’

एक जनवरी 2020 से पाम ऑइल पर शुल्क में होने वाली कटौती 2009 के एक व्यापार समझौते के तहत होगी। इसके अंतर्गत भारत आसियान सदस्यों से पाम ऑइल के आयात पर लगने वाली ड्यूटी धीरे-धीरे कम करने के लिए राजी हुआ था। इसने साल की शुरुआत में आसियान देशों से आने वाले क्रूड पाम ऑइल पर ड्यूटी घटाकर 40 पर्सेंट और रिफाइंड पाम ऑइल पर 50 पर्सेंट कर दी थी। समझौते में मलयेशिया और इंडोनेशिया से पाम ऑइल का आयात शामिल है।

भारत सालाना 160 लाख टन एडिबल ऑइल का आयात करता है। इसमें से 50 पर्सेंट से अधिक आयात इन्हीं दोनों देशों से होता है। शुल्क में कटौती से क्रूड और रिफाइंड पाम ऑइल के बीच इंपोर्ट ड्यूटी का अंतर घटकर 7.5 पर्सेंट तक हो जाएगा। इससे क्रूड ऑयल के मुकाबले रिफाइंड ऑइल का आयात बढ़ेगा। ऐसे में घरेलू रिफाइनर्स का व्यापार प्रभावित होगा। उनके कारोबार को सुरक्षित रखने के लिए IGST को बढ़ाने की मांग हो रही है।

अधिकारी ने कहा, ‘हम इंपोर्टेड क्रूड और रिफाइंड ऑइल पर टैक्स अंतर बढ़ाना चाहते हैं, जिसके लिए इंपोर्टेड क्रूड पर IGST बढ़ाकर 12 पर्सेंट करने पर विचार हो रहा है। अगर हम क्रूड पर मौजूदा IGST दर 5 पर्सेंट ही रखते हैं तो यह अंतर बढ़कर 10 पर्सेंट हो जाएगा। इससे भारतीय रिफाइनर्स को कुछ राहत मिलेगी।’

हालांकि इंडस्ट्री चाहती है कि इंपोर्टेड क्रूड और रिफाइंड पाम ऑइल पर शुल्क में 15 पर्सेंट का अंतर हो। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता ने कहा, ‘अगर घरेलू रिफाइनर्स को संरक्षण दिया जाता है तो इससे अधिक निवेश, कैपेसिटी डिवेलपमेंट के साथ और रोजगार पैदा किए जा सकेंगे।’