पेट्रोल-डीजल 60 पैसे प्रति लीटर हुआ महंगा, 80 दिन में पहली बार बढ़े दाम

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नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में छूट मिलने से वाहन ईंधन की मांग बढ़ने और ब्रेंट क्रूड का भाव 40 डॉलर प्रति बैरल के पार जाते ही सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने आम आदमी को झटका दिया है। कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। बीते 80 दिनों में यह पहला मौका है जब पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है।

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत

शहरपेट्रोलडीजल
दिल्ली71.8669.99
गुरुग्राम71.8663.65
मुंबई78.9168.79
चेन्नई76.0768.74
हैदराबाद74.6168.42
बेंगलुरु74.1866.54

नोट: कीमतें रुपए प्रति लीटर में हैं।

16 मार्च से नहीं बढ़ी थी कीमत
देश में इस समय पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना के आधार पर बदलाव होता है। यह बदलाव विदेशी मुद्रा दर और क्रूड की कीमतों के आधार पर होता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण मांग घटने से सरकारी तेल कंपनियों ने 16 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राष्ट्रीय स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि, इस दौरान केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट बढ़ा दिया था। लेकिन इसका असर पेट्रोल-डीजल के बिक्री प्राइस पर नहीं पड़ा था। कई राज्यों ने भी वैट बढ़ाया था, जिससे उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ गई थी।

42 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंची कीमत
उत्पादन में कटौती और मांग बढ़ने से क्रूड की कीमतों में उछाल आ गया है। बीते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत अपने तीन महीने के उच्चतम स्तर 42 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इस साल अप्रैल में क्रूड की कीमत 20 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थीं। हालांकि, 2019 के अंत के मुकाबले कीमतें अभी भी नीचे चल रही हैं।

अप्रैल में 46 फीसदी कम रही पेट्रोलियम उत्पादों की मांग
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की ओर से रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा गया था कि अप्रैल 2020 में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में 46 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। अप्रैल में पेट्रोल की 61 फीसदी, डीजल की 56.7 फीसदी और जेट फ्यूल (एटीएफ) की 91.5 फीसदी कम बिक्री हुई थी।

लॉकडाउन में छूट से बढ़ी मांग
हालांकि, लॉकडाउन में छूट के कारण मई महीने में अप्रैल के मुकाबले पेट्रोलियम उत्पादों की मांग बढ़ गई है। लेकिन मई 2019 के मुकाबले अभी भी मांग 38.9 फीसदी कम है। अनलॉक-1 के तहत सोमवार 8 जून से प्रतिबंधों में और ढील बढ़ने जा रही है। ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।