‘पत्नी की कमाई से चल रहा है माल्या का खर्च’, यूके कोर्ट को बताया

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लंदन। अपने बैंक अकाउंट पर भारतीय बैंकों का कब्जा रोकने के लिए विजय माल्या अपनी बदहाल जिंदगी की दास्तां सुना रहा है। जीवन के बेहतरीन दिनों में राजसी ठाटबाट से जीने वाला माल्या कह रहा है कि उसे जीवनयापन के लिए अपनी पार्टनर/पत्नी, पर्सनल असिस्टेंट, परिचित कारोबारियों और अपने बच्चों पर निर्भर होना पड़ गया है। ध्यान रहे कि यह वही विजय माल्या है जिसने 26 मार्च को ट्वीट कर कहा था, मुझसे पैसे ले लो, लेकिन जेट को बचा लो।

कर्ज देनेवाले बैंकों के सामने माल्या का झूठ
दरअसल, जिन 13 बैकों का 11,000 करोड़ रुपया माल्या के पास फंसा है, उन्होंने पिछले वर्ष 11 सितंबर को माल्या के खिलाफ बैंकरप्ट्सी पिटिशन दायर की जिस पर इस वर्ष दिसंबर महीने में सुनवाई होनी है। बैंकों की इसी याचिका पर पूछे गए सवाल के जवाब में माल्या ने कहा कि उसकी व्यक्तिगत संपत्ति सिमटकर 2,956 करोड़ रुपये की रह गई है और यह पूरी संपत्ति उसने बैंकों से सेटलमेंट के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने पेश कर दी है। बैंकों ने माल्या से मिली इस जानकारी से यूके कोर्ट को अवगत कराया है।

माल्या का दावा
बैंकों ने कोर्ट को बताया कि माल्या की पार्टनर/पत्नी पिंकी ललवानी साल में करीब 1.35 करोड़ रुपये कमाती है। इसके मुताबिक, माल्या ने अपनी पर्सनल असिस्टेंट महल और एक परिचित कारोबारी बेदी से क्रमशः 75.7 लाख और 1.15 कोरड़ रुपये उधार भी ले रखे हैं। निजेल तोजी माल्या को कर्ज देने वाले 13 बैंकों का यूके कोर्ट में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि माल्या ने बैकों से कहा है कि उसने जीवनयापन और कुछ कर्ज चुकाने के लिए ये पैसे उधार लिए हैं। लंदन कोर्ट को तोजी की ओर से दी गई लिखित जानकारी से पता चलता है कि माल्या पर ब्रिटिश सरकार का करीब 2.40 करोड़ रुपये टैक्स के अलावा अपने पूर्व वकील मैकफर्लैंस का भी कुछ रुपये बकाया है। साथ ही, उसने भारतीय बैंकों की 3.37 करोड़ रुपये के कानूनी खर्च में से 1.57 करोड़ रुपये भी नहीं चुकाए हैं।

आदेश पर रोक लगाने की मांग
बुधवार को लंदन कोर्ट में भारतीय बैंकों की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें बैंकों ने यूके स्थित आईसीआईसीआई बैंक में माल्या के करंट अकाउंट पर कब्जा देने की अपील की थी। बेंगलुरु डीआरटी ने अपने आदेश में बैंकों को अनुमति दी है, जिसके आधार पर बैंकों ने लंदन कोर्ट में याचिका दायर की है। दरअसल, 14 जनवरी को बैंकों को इंटेरिम थर्ड पार्टी ऑर्डर मिला था जिसके आधार पर बैंकों ने माल्या के अकाउंट में उस वक्त पड़े 2.33 करोड़ रुपये अटैच कर लिए थे। अब माल्या इस आदेश को रद्द करने की मांग कर रहा है और इसे अंतिम फैसले का रूप नहीं देने की गुहार लगा रहा है।

कोर्ट में दिया माल्या के खर्चे का हिसाब
तोजी ने कोर्ट को बताया, ‘माल्या अब भी पूरे ठाट-बाट से जी रहा है। माल्या को अपने वकीलों के लिए कहीं से फंडिंग मिल रही है। उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है, जैसा कि आम लोग समझते हैं। वह अब भी हर सप्ताह 16.21 लाख रुपये तो खर्च कर ही रहा है, कानूनी लड़ाई पर भी खूब खर्च कर रहा है।’ तोजी ने उदाहरण देकर बताया कि बैंकों का कानूनी खर्च सिर्फ 26 लाख रुपये है जबकि इस मुकदमें में माल्या ने आवेदन पर 63 लाख रुपये खर्च किए।

उन्होंने बताया, ’16 अगस्त से 16 सितंबर, 2018 के बीच माल्या ने 22,529 रुपये का सिर्फ पेट्रोल फूंक दिया और 90,118 रुपये किराने की दुकान में खर्च कर दिए। स्पष्ट है कि माल्या अपना खर्च कम करने को तैयार नहीं हैं।’ माल्या के आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट पर कब्जे की अनुमति मांगने वाली भारतीय बैकों की याचिका पर फैसला अगले सप्ताह आना है।