लोक सभा एवं राज्य सभा से आज विपक्ष के 78 सांसद सस्पेंड, शीत सत्र में अब तक 92 निलंबित

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नई दिल्ली। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी आज 45 सांसदों को निलंबित किया गया है। इन सभी सांसदों को लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक को लेकर हंगामा करने पर सस्पेंड किया गया है। इससे पहले आज ही लोकसभा के भी 33 सांसद निलंबित हुए थे। बीते सप्ताह भी कुल 14 सांसद निलंबित हुए थे। इस तरह शीत सत्र में अब तक 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।

राज्यसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल जैसे नेता शामिल हैं। सपा के सांसद रामगोपाल यादव को भी निलंबित किया गया है। इन सभी लोगों को शीत सत्र से निलंबित किया गया है और वे सदन की किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 34 विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया। जिन सांसदों पर निलंबन की गाज गिरी है, उनमें कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक सांसद टीआर बालू, दयानिधि मारन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय शामिल हैं।

बताया गया कि जिन सांसदों पर निलंबर की गाज गिरी है, उनमें से 31 को बचे हुए शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तीन अन्य सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। इनमें के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक शामिल हैं। ये सभी नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे।

लोकसभा अध्यक्ष की ओर से नाम पुकारने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया। इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले गुरुवार को दोनों सदनों के 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इसमें लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद शामिल थे।

राज्यसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल जैसे नेता शामिल हैं। इन सभी लोगों को शीत सत्र से निलंबित किया गया है और वे सदन की किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

निलंबन की कार्रवाई को कांग्रेस ने लोकतंत्र की आवाज को कुचलने वाला बताया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस तानाशाही सरकार ने सारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कचरे के डिब्बे में डाल दिया है। इस सरकार ने संसद के प्रति कोई जवाबदेही नहीं दिखाई है। इसके उलट जवाब मांगने वालों पर ही ऐक्शन लिया जा रहा है।

राज्यसभा के नेता सदन पीयूष गोयल ने दोनों सदनों से सांसदों के निलंबन की कार्रवाई को सही बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सांसदों ने लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन का अपने व्यवहार से अपमान किया है।

राज्यसभा से इन सांसदों को किया गया निलंबित
जिन राज्यसभा सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, डॉक्टर अमी याजनिक, नारणभाई जे रठवा, सैय्यद नासिर हुसैन, फुलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, केसी वेणुगोपाल, रजनी अशोकराव पाटिल, रंजीत राजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सुखेंदु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन बिस्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बरैक, समीरुल इस्लाम, एम शान्मुगम, एनआर एलांगो, कनिमोझी, आर गिरिराजन, मनोज कुमार झा, डॉ. फैयाज अहमद, डॉ. वी शिवसदन, रामनाथ ठाकुर, अनील प्रसाद हेगड़े, वंदना चव्हाण, प्रो. रामगोपाल यादव, जावेद अली खान, महुआ माजी, जोस के मणि, अजीत कुमार भुयान शामिल हैं।

लोकसभा से इन सांसदों को किया निलंबित
कल्याण बनर्जी, टीएमसी, ए. राजा, डीएमके, दयानिधि मारन, डीएमके, अपरूपा पोद्दार, टीएमसी, प्रसून बनर्जी, टीएमसी, ई.टी. मोहम्मद बशीर, मुस्लिम लीग, गणेशन सेल्वम, डीएमके, सीएन अन्नादुरई, डीएमके, अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस, टी. सुमति, डीएमके, कणि के. नवास, मुस्लिम लीग, कलानिधि वीरास्वामी, डीएमके, . एनके प्रेमचंदन, आरएसपी, सौगत रॉय, टीएमसी, शताब्दी रॉय, टीएमसी, असित कुमार मल, टीएमसी, कौशलेंद्र कुमार, जेडीयू, ऐंटो एंटनी, कांग्रेस, एस एस. पलानिमनिक्कम, डीएमके, प्रतिमा मंडल, टीएमसी, . काकोली घोष, टीएमसी, के. मुरलीधरण, कांग्रेस, सुनील मंडल, टीएमसी, रामलिंगम सेल्लापेरूमल, डीएमके, के. सुरेश, कांग्रेस, अमर सिंह, कांग्रेस, राजमोहन उन्नीथन, कांग्रेस, एस. तिरुनवुक्करसर, कांग्रेस, टीआर बालू, डीएमके, गौरव गोगोई, कांग्रेस, विजयकुमार वसंथ, कांग्रेस, डॉ. के. जयकुमार, कांग्रेस, अब्दुल खालिक कांग्रेस शामिल हैं।