धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान आयकर विभाग की रडार पर

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नई दिल्ली। देश में ट्रस्ट के जरिए चलने वाले धार्मिक और शैक्षणिक संस्थान इनकम टैक्स के राडार पर आ गए हैं। इनकम टैक्स विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक इन धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों में बड़े पैमाने पर कालाधन जमा किया जाता है। ऐसे में इन संस्थानों की टैक्स छूट को कम किया जा सकता है।

सीएनबीसी आवाज की खबर के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्कफोर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रस्ट के माध्यम से चलने वाले संस्थाएं टैक्स छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं। बता दें कि इन संस्थानों को मिलने वाली रकम पर 15 फीसदी पर सीधे सीधे टैक्स छूट मिलती है। बाकी 85 फीसदी रकम को 5 साल के भीतर खर्च करने पर टैक्स छूट मिलती है।

टास्कफोर्स ने 15 फीसदी पर सीधे टैक्स छूट देने के नियम को हटाने की सिफारिश की है। साथ ही 15% रकम को भी समय सीमा के भीतर खर्च करने की सिफारिश की है। यह राशि समय पर न खर्च होने पर 30% टैक्स देने वसूलने की सिफारिश की गई है।