दान और पूजा का फल जरूर मिलता है: आर्यिका सौम्यनन्दिनी

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कोटा। दिगंबर जैन मन्दिर महावीर नगर विस्तार योजना में चातुर्मास कर रही आर्यिका सौम्यनन्दिनी माताजी ने अपने प्रवचन में कहा कि आहार दान का जैन धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि दान और पूजा करने वाले व्यक्ति को इसका फल अवश्य प्राप्त होता है। हमारे यहां अपनी कमाई के चार भाग में से एक भाग दान करने के लिए कहा गया है।

व्यक्ति को ध्यान के द्वारा ही मोक्ष मिल सकता है। उन्होंने कहा कि 24 तीर्थंकरों का पूजन, शिखर जी की भाव सहित आराधना, समवशरण और अरिहंत भगवान की वंदना, दिगम्बर साधु को आहार तथा स्फटिक मणि का ध्यान प्रतिदिन करना चाहिए।

इस दौरान आर्यिका सौम्यनन्दिनी माताजी और पावन वर्षायोग समिति के सदस्यों के द्वारा जैसवाल जैन समाज की पत्रिका का विमोचन किया गया। इससे पहले अंजना सेठी ने मंगलाचरण किया। वहीं कनकमाला ठोला, अनिल कुमार ठोला, पवन कुमार ठोला परिवार ने चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, शास्त्र भेंट किया गया।