डिजिटल प्रौद्योगिकी पर फ्रांस और भारत के बीच समझौता

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नई दिल्ली। फ्रांस और भारत ने आर्थिक विकास, सतत विकास और सुरक्षित इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने समाजों में डिजिटल प्रौद्योगिकी को एक परिवर्तनकारी कारक बनाए जाने पर सहमति जतायी है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद शुक्रवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में यह बात कही गयी है।

वक्तव्य में कहा गया कि फ्रांस और भारत इस प्रकार नागरिकों को सशक्त बनाने वाली डिजिटल तकनीकों की दृष्टि की वकालत करते हैं, असमानताओं को कम करते हैं और सतत विकास को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक खुली, विश्वसनीय, सुरक्षित, स्थिर और शांतिपूर्ण साइबर स्पेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।

महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता के अंत में, दोनों पक्षों ने भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण में सहयोग के लिए फ्रांसीसी सरकार के राष्ट्रीय शिक्षा और युवा मंत्रालय के बीच प्रशासनिक व्यवस्था पर हुए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

भारत सरकार के नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईईएस) और फ्रांसीसी वैकल्पिक ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा आयोग (सीईए) के बीच समझौता ज्ञापन पर भी दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए।

दोनों पक्षों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्वायत्त संस्था सेंटर फॉर एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) और एटीओएस के विकास को लेकर भी एक अन्य समझौता किया। डिजिटल पुश के संबंध में, बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कानून और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र का चार्टर लागू है और यह शांति और स्थिरता बनाए रखने और एक खुले, सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सुलभ डिजिटल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

वे संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर विकसित विश्वास और क्षमता-निर्माण के उपायों के साथ-साथ साइबर स्पेस में जिम्मेदार देश व्यवहार के स्वैच्छिक मानदंडों को बढ़ावा देने और लागू करने के महत्व की पुष्टि करते हैं।