जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, इन मुद्दों पर हो सकती है बात

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नई दिल्ली। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में कोरोना वैक्सीन पर जीरो जीएसटी को लेकर फैसला होने के आसार हैं। कई राज्य पहले से यह मांग कर रहे हैं और राज्यों का कहना है कि वैक्सीन पर जीरो जीएसटी करने से मैनुफैक्चर्रस की लागत भी नहीं बढ़ेगी।

राज्यों की यह भी दलील है कि कोरोना वैक्सीन आम जनता नहीं खरीद रही है इसलिए वैक्सीन पर जीरो जीएसटी करने से जनता का कोई नुकसान नहीं होगा। इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वैक्सीन पर लगने वाले पांच फीसद जीएसटी को समाप्त करने से मैनुफैक्चर्रस की लागत बढ़ जाएगी क्योंकि मैनुफैक्चरर्स वैक्सीन के कच्चे माल पर लगने वाले टैक्स को क्रेडिट नहीं कर पाएंगे।

इससे जनता पर बढ़ी हुई लागत का भार जाएगा। लेकिन बंगाल के वित्त मंत्री ने तीन दिन पहले सीतारमण को पत्र द्वारा यह बताया कि वैक्सीन पर जीरो जीएसटी करने से मैनुफैक्चरर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगे। जीएसटी काउंसिल में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि एवं राज्य के कामर्शियल टैक्स मंत्री टीएस सिह देव कहते हैं, ‘वैक्सीन या तो केंद्र सरकार खरीद रही है या फिर राज्य सरकार। जनता तो वैक्सीन खरीद नहीं रही है। जीरो टैक्स करने से राज्यों को वैक्सीन खरीद पर जीएसटी नहीं देना होगा। काउंसिल की बैठक में हमारी कोशिश वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी को जीरो पर लाने के लिए सहमति बनाने की होगी।’

वैक्सीन पर जीरो फीसद जीएसटी लगे
यूं तो गैर-भाजपा शासित राज्य भी मानते हैं कि वैक्सीन पर पांच फीसद जीएसटी लगे या जीरो फीसद, आम उपभोक्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि कोई उपभोक्ता इसी सीधे तौर पर नहीं खरीद रहा है। रही बात सरकारों की ओर से जीएसटी की पांच फीसद राशि नहीं देने की तो यह भी सच है कि ऐसे में राज्यों और केंद्र को जीएसटी का हिस्सा भी कम मिलेगा। यानी सीधे तौर पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं होगा। लेकिन इस पर बहस शुरू करके गैर-भाजपा शासित राज्य इसी बहाने एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश करेंगे।

दवाओं और उपकरणों पर चर्चा
काउंसिल की बैठक में कोरोना इलाज से जुड़ी दवाओं और उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी की दरों को लेकर भी चर्चा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कुछ दवाओं और 40 मेडिकल उपकरणों की दरों को कम करने की मांग पर काउंसिल की बैठक में चर्चा हो सकती है। बैठक में राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति को लेकर भी पुरजोर चर्चा होगी। राज्यों का कहना है कि कोरोना की वजह से उनके पास पहले से ही वित्तीय संकट है। ऐसे में वे केंद्र से अपनी जीएसटी क्षतिपूर्ति के भुगतान को लेकर समय सीमा देने की मांग करेंगे। गत वित्त वषर्ष में जीएसटी मद में राज्यों के घाटे की पूर्ति के लिए केंद्र ने राज्यों की तरफ से 1.10 लाख करोड़ रपये उधार लिए। पिछले साल अक्टूबर के बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है। नियम के मुताबिक हर तिमाही में कम से कम एक बार काउंसिल की बैठक जरूरी है।