जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वे हमारा हिसाब मांग रहे

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अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी का विपक्ष पर तंज

नई दिल्ली। अपनी सरकार के खिलाफ तीन दिनों से जारी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे रहे हैं। चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि इन लोगों ने देश को निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया, जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वे हमारा हिसाब मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां दिन-रात मुझे कोसती हैं और उनका फेवरेट डायलॉग है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी, लेकिन मैं इनके अपशब्दों को अपना टॉनिक बना लेता हूं। इनका रवैया शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है। भारत की तरक्की दुनिया को दूर से दिख रही है, लेकिन विपक्ष यहां रहते हुए भी नहीं दिख पा रहा है क्योंकि अविश्वास और घमंड इनके रगों में रच-बस गया है।

इसके लिए देश कुछ नहीं कर सकता। वर्ष 2018 के बाद 2023 में भी अपनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर तंज कसते हुए उन्होंने कि देश का विश्वास है कि 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होगा।

अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ
जवाब की शुरुआता करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले तीन दिनों से अनेक वरिष्ठ सांसदों ने विचार व्यक्त किए हैं और सभी के विचार विस्तार से मुझ तक पहुंचे हैं। कुछ लोगों के विचार मैंने खुद भी सुने हैं। देश की जनता ने जो हम पर बार-बार विश्वास जताया है, उसका कोटि-कोटि आभार जताते हैं। भगवान बहुत दयालु हैं और मैं इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं कि उन्होंने विपक्ष को सुझाया और वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का यह अविश्वास प्रस्ताव बीजेपीऔर एनडीए के लिए शुभ होता है। इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिये तय हो गया है कि जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए को पहले के सारे रिकॉर्ड तोड़कर बहुमत देगी।

मोदी ने कहा कि 2018 में मैंने कहा था कि यह अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का शक्ति परीक्षण नहीं है, बल्कि उन्हीं (विपक्ष) का फ्लोर टेस्ट है। मतदान हुआ तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे। उन्होंने कहा, “जब हम (2019 में) जनता के पास गए, तो जनता ने भी इनके लिए पूरी ताकत के साथ अविश्वास घोषित कर दिया। एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा को भी ज्यादा सीटें मिलीं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। आपने तय कर लिया है कि भाजपा और एनडीए पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर सरकार में फिर वापस आएं।

फील्डिंग विपक्ष की, चौके-छ्क्के हमारी तरफ से
पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष ने सही से चर्चा नहीं की। फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, चौके-छक्के यहीं से (हमारी तरफ से) लगे। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल पर नो बॉल कर रहा है और सरकार की तरफ से सेंचुरी लगाई जा रही हैं। मैं विपक्ष से कहना चाहूंगा कि थोड़ी मेहनत करके आते। आपसे 2018 में कहा था कि मेहनत करके आना, लेकिन पांच साल में भी कुछ नहीं बदला।” आम आदमी पार्टी का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे और अपने कट्टर भ्रष्ट साथी उनकी शर्त पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। ये हाल है आपका।

अधीर गुड़ का गोबर करने में माहिर
अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री ने भी कांग्रेस के नेता अधीर रंजन पर चुटकी ली। 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया और शरद पवार ने उसका नेतृत्व किया। इसके बाद 2003 में सोनिया गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव रखा , पिछली बार 2018 में मल्लिकार्जुन खरगे ने विषय को आगे बढ़ाया। इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया, शायद कोलकाता (ममता बनर्जी का) से फोन आ गया होगा। उनकी पार्टी ने उन्हें बोलना का मौका नहीं दिया। अमित भाई ने इसका ध्यान दिया और हमारे कोटे के समय से अध्यक्ष जी आपने उन्हें बोलने का मौका दिया, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए। गुड़ का गोबर कैसे करना है, उसमें ये माहिर हैं।