ग्रह, नक्षत्र और राशि से जानिए रोगों का उपचार, देखिये वीडियो

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कोटा। किसी बीमारी से मुक्ति पाने के लिए अब उपचार के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से पहले ज्योतिषी के पास जाएं। आपका कौनसा ग्रह कमजोर है। किस नक्षत्र में गड़बड़ी है। इसके आधार पर वैद्य आपको यह बताएंगे कि किस औषधीय वनस्पति के सम्पर्क में रहने से लाभ होगा। कोटा के वैद्य सुधीन्द्र शृंगी ने हमारे चैनल len-den news को बताया कि ग्रहों और नक्षत्रों का सीधा प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर पड़ता है, जिससे वह बीमार हो जाता है। इसे दुरुस्त कर रोगी को स्वस्थ्य किया जा सकता है। 

जैसे सूर्य : नेत्र रोग, सिरदर्द, ब्लडप्रेशर, चन्द्र : मिर्गी के दौरे, मंगल : बुखार, मस्तिष्क के रोग, गले के रोग, बुध : माइग्रेन, श्वास के रोग, रक्तचाप, सफेद दाग, गुरु : पीलिया, लीवर संबंधी रोग, शुक्र : हैजा, अनिद्रा, शनि : कब्जी, कमर व अन्य दर्द, राहू : गठिया और अल्सर एवं केतु : टीबी, त्वचा संबंधी रोग के लक्षण बताता है।

उन्होंने बताया कि नक्षत्र के अनुसार अश्विन : कुचीला, पुर्नवसु : बांस, चित्रा : बिल्वपत्र, उत्तराषढ़ा : कटहल, भरणां : आंवला, पुष्प : पीपल, स्वाति : अर्जुन, श्रवण : अश्लेषा  : नागकेसर, विशाखा : काकोन, घनिष्ठा : खेजड़ी, मघा : बरगद,अनुराधा : मौलश्री,शतमिषा : कदम्ब, पूर्वाषाढ़ : जलवेतान,
रेवती : महुआ, कृतिका : गूलर का उपयोग किया जाता है। 

राशि में ये फायदेमंद मीन : बरगद, मेष : लाल चंदन, वृष : सप्तपर्णी, मिथुन : कटहल, कर्क : पलाश, सिंह : पाडल, कन्या : आम, तुला : मौलश्री, वृश्चिक : खैर, धनु : पीपल, मकर : शीशम
और कुंभ : कैमर खैर आदि का उपयोग किया जाता है।