गुजरात में जीरा का रकबा गत वर्ष से 161% बढ़ कर 3.76 लाख हेक्टेयर हुआ

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अहमदाबाद। गुजरात में जीरा की खेती के प्रति किसानों में इस बार जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। दरअसल वर्ष 2023 के दौरान इस महत्वपूर्ण मसाले का भाव उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने तथा लम्बे समय तक काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार रहने से किसानों को शानदार आमदनी प्राप्त हुई जिससे उसे बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है।

राज्य कृषि विभाग के रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में जीरा का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले इस बार 161 प्रतिशत उछलकर 3.76 लाख हेक्टेयर की ऊंचाई पर पहुंच गया है। दिलचस्प तथ्य यह है कि राज्य के विभिन्न उत्पादक क्षेत्रों में जीरे के रकबे में 86 से लेकर 1714 प्रतिशत तक की भारी-भरकम बढ़ोत्तरी हो गई है जो इस हकीकत का स्पष्ट प्रमाण है कि किसान इस बार जीरे की बिजाई में अप्रत्याशित दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

यह तथ्य भी ध्यान देने लायक है कि सिर्फ एक सप्ताह के अंदर ही वहां करीब 2 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में जीरे की बिजाई हो गई। गत वर्ष की समान अवधि में वहां जीरा का क्षेत्रफल 2.32 लाख हेक्टेयर के करीब रहा था। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक किसानों के उत्पाद को देखते हुए इस बार गुजरात में जीरा का कुल बिजाई क्षेत्र 4 लाख हेक्टेयर की सीमा को पार कर जाने की उम्मीद है।

गुजरात में जीरा का सर्वाधिक उत्पादन सौराष्ट्र संभाग में होता है और वहां इसकी अच्छी बिजाई हुई है लेकिन उत्पादन क्षेत्र में सबसे ज्यादा उछाल मध्य गुजरात में देखा जा रहा है जहां इसका रकबा गत वर्ष के 700 हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 127,00 हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

सौराष्ट्र संभाग में इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 1.01 लाख हेक्टेयर से उछलकर चालू सीजन में 2.66 लाख हेक्टेयर तथा कच्छ में 15 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 46 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

इसी प्रकार उत्तरी गुजरात में जीरा का बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 27,500 हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 51,200 हेक्टेयर पर पहुंच गया। समीक्षकों का कहना है कि आगामी महीनों के दौरान यदि मौसम अनुकूल रहा तो गुजरात में इस बार जीरा का शानदार उत्पादन हो सकता है।