गरीब महिलाओं के खाते में 500 रु. महीने जमा करने वाली योजना जारी

1157

नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान कामकाज ठप होने के कारण पैदा हुई वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने गरीब महिलाओं के बैंक खाते में 500 रुपए महीने जमा करने की योजना चालू की थी। यह योजना तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, जो जून में खत्म होने जा रही है। इस योजना को जून के बाद भी जारी रखा जा सकता है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के कई अधिकारी इस योजना को चालू रखने की वकालत कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पहले दो महीनों में 50 फीसदी से अधिक महिलाओं ने बैंक खाते में जमा सहायता राशि ही नहीं निकाली है।

खराब वित्तीय हालातों से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जन धन योजना के बैंक खातों के जरिए गरीब महिलाओं को यह आर्थिक मदद दे रही है। इस योजना से करीब 20 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल रहा है। पिछले सप्ताह ही बैंकों ने लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में योजना की अंतिम किस्त के 500 रुपए जमा करना शुरू किया है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय से बजट उपलब्ध कराया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना को जारी रखने का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को लेना है। यदि पीएमओ इस योजना के दूसरे राउंड की मंजूरी दे देता है तो यह यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्ट्रक्चर के जैसा कदम होगा।

हालांकि, इस योजना के तहत जमा किए गए पैसों के बैंक खातों से निकालने संबंधी डाटा काफी उदासीन है। डाटा के मुताबिक, पहले दो महीनों में 50 फीसदी लाभार्थियों ने यह सहायता राशि अपने बैंक खाते से नहीं निकाली है। योजना के तहत सरकार अप्रैल, मई और जून महीने में बैंक खातों में 20 हजार करोड़ जमा करा चुकी है।

मार्च में घोषित की गई थी स्कीम
केंद्र सरकार ने कोरोना आपदा से निपटने के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किया था। इसमें आम लोगों को राहत देने के लिए कई घोषणाएं की गई थीं, जिसमें जन-धन बैंक खाते की लाभार्थी महिलाओं को तीन महीने तक 500 रुपए प्रति माह देने की योजना भी शामिल थी। इस योजना के तहत इन गरीब महिलाओं के बैंक खातों में अप्रैल, मई और जून महीने में सहायता राशि जमा करनी थी।

देश में 38 करोड़ जन धन बैंक खाते
हाल ही में नीति आयोग की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में जन-धन बैंक खातों की संख्या अब तक 38 करोड़ के करीब हो गई है। आयोग के मुताबिक, इसमें से करीब 53 फीसदी बैंक खाते महिलाओं के हैं। यह बैंक खाते जीरो बैलेंस पर खोले जाते हैं और इन्हें खोलने के लिए लाभार्थी को कुछ भी खर्च नहीं पड़ता है।